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विकासनगर: तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे बैंककर्मी, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - विकासनगर देहरादून बैंक कर्मचारियों की मांगे समाचार

बैंक कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं, अगर बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं तो बैंकों को बंद कर देना चाहिए.

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बैंक कर्मचारियों का हड़ताल.
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Published : Feb 1, 2020, 6:41 PM IST

विकासनगर: मुख्य बाजार में स्टेट बैंक शाखा के पास बैंक कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार बैंकों को बेचने की साजिश कर रही है.

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. बैंक कर्मचारियों का आरोप है कि नवंबर 2017 से वेतन समझौता होना था, जो की लंबित पड़ा हुआ है. वहीं, हड़ताल के दौरान वे अपनी सैलरी कटवा रहे हैं जबकि, उनकी मांगों में सप्ताह में फाइव वर्किंग डे है. साथ ही उन तीसरी मांग पेंशन की है.

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंडः कैबिनेट बैठक में लाए गए खनन प्रस्ताव का विरोध, बताया पर्यावरण मानक के खिलाफ

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं, अगर बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं तो बैंकों को बंद कर देना चाहिए. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों को पूंजीपतियों को बेचना चाहती है. कर्मचारियों ने कहा कि ग्राहकों पर बैंकों के माध्यम से अनेक सर्विस चार्ज लगाए गए हैं फिर भी सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे.

कर्मचारी नेता कांति राम नौटियाल का आरो है कि केंद्र सरकार ऊपर की बैलेंस शीट में गड़बड़ी करके नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे पूंजीपतियों को पैसा देकर बैंकों को बदनाम कर चुकी है. वहीं, अब केंद्र सरकार द्वार अडानी और अंबानी को बैंकों को बेचने की साजिश चल रही है. ऐसा वे कभी नहीं होने देंगे.

विकासनगर: मुख्य बाजार में स्टेट बैंक शाखा के पास बैंक कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार बैंकों को बेचने की साजिश कर रही है.

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. बैंक कर्मचारियों का आरोप है कि नवंबर 2017 से वेतन समझौता होना था, जो की लंबित पड़ा हुआ है. वहीं, हड़ताल के दौरान वे अपनी सैलरी कटवा रहे हैं जबकि, उनकी मांगों में सप्ताह में फाइव वर्किंग डे है. साथ ही उन तीसरी मांग पेंशन की है.

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंडः कैबिनेट बैठक में लाए गए खनन प्रस्ताव का विरोध, बताया पर्यावरण मानक के खिलाफ

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं, अगर बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं तो बैंकों को बंद कर देना चाहिए. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों को पूंजीपतियों को बेचना चाहती है. कर्मचारियों ने कहा कि ग्राहकों पर बैंकों के माध्यम से अनेक सर्विस चार्ज लगाए गए हैं फिर भी सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे.

कर्मचारी नेता कांति राम नौटियाल का आरो है कि केंद्र सरकार ऊपर की बैलेंस शीट में गड़बड़ी करके नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे पूंजीपतियों को पैसा देकर बैंकों को बदनाम कर चुकी है. वहीं, अब केंद्र सरकार द्वार अडानी और अंबानी को बैंकों को बेचने की साजिश चल रही है. ऐसा वे कभी नहीं होने देंगे.

Intro:विकासनगर _3 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन सरकार बैंकों को बेचने के कर रही है साजिश मांगे नहीं मानी तो 1 अप्रैल से होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल.


Body:विकासनगर मुख्य बाजार में स्टेट बैंक शाखा के पास बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया बैंक कर्मियों का आरोप है कि सरकार द्वारा नवंबर 2017 से वेतन समझौता होना था जो लंबित पड़ा हुआ है कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान अपने पैसा कटवा रहे हैं जबकि हमारी मांगों में फाइव डे वीक है तीसरी मांग पेंशन की है सरकार द्वारा बैंक कर्मियों की मांगे पूरी नहीं की गई आरोप लगाया कि सरकार कहती है कि बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं अगर बैंक कमाई नहीं कर रहे हैं तो बैंकों को बंद कर देना चाहिए सरकार बैंकों को पूंजी पतियों को बेचना चाहती है और ग्राहकों पर बैंकों के माध्यम से अनेकों सर्विस चार्ज लगाए हैं फिर भी सरकार कहती है कि कमाई नहीं कर रहे हैं ऐसे में सरकार की मंशा बैंकों को पूंजी पतियों के हार बेचने के लिए चल रही है


Conclusion:बैंक कर्मी का कांति राम नौटियाल ने बताया कि बैंक अगर आए नहीं कर रहे है तो बैंक बंद क्यों नहीं करती सरकार
सरकार ऊपर की बैलेंस सींटो में गड़बड़ी करके नीरव मोदी, राहुल चौकसी माल्या जैसे पूंजीपतियों को पैसा देकर बैंकों को बदनाम कर रही है अडानी ,अंबानी को बैंकों को बेचने की साजिश चल रही है हमारी मांगों को अगर नहीं माना गया तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर होंगे.

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