देहरादून: प्रदेश में हमेशा से ही सरकारी योजनाओं के कागजी होने के सवाल उठते रहे हैं. कहा जाता है कि सफेद हाथी और सरकारी योजनाएं एक जैसी होती हैं, जो दिखाई नहीं देती. मगर, टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के ख्यार्सी गांव में सरकारी योजना का लाभ उठाकर आज कई किसान खेती-किसानी कर स्वरोजगार से जुड़ रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं बलबीर सिंह, जिनकी सफलता की कहानी सुनकर मुख्यमंत्री भी काफी गदगद नजर आए थे. सीएम ने बलबीर का उदाहरण देते हुए खेती-किसानी को बढ़ावा देने की बात भी कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि वो जल्द ही इस ग्रोथ सेंटर को देखने के लिए ख्यार्सी गांव जाएंगे.
टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के ख्यार्सी गांव के रहने वाले किसान बलबीर सिंह राणा के लिए सरकार की योजना वरदान साबित हुई है. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रोथ सेंटर योजना से उन्हें किस तरह मदद मिली. उन्होंने बताया ग्रोथ सेंटर योजना की मदद से वॉटर लिफ्ट करते हुए खेतों तक पानी पहुंचाया. जिसके बाद खेतों में मेहनत करते हुए उन्होंने खेतों में सोना उपजाया. पहले जिन खेतों में केवल मंडुवा, झंगोरा हुआ करता था. वहां अब मटर, बीन्स, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी तमाम सब्जियां उगाई जाने लगी हैं. जिससे बलबीर साल भर में लाखों रुपए कमा रहे हैं.
पढ़ें- लॉकडाउन में बढ़े आत्महत्या के मामले, अब पुलिस कराएगी विशेषज्ञों से काउंसलिंग
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में ग्रोथ सेंटर योजना चलाई जा रही है, जिसकी मदद से साल 2017 में जौनपुर ब्लॉक के ख्यार्सी गांव में जलागम विभाग की ओर से नई पहल की गई. यहां सोलर वॉटर लिफ्टिंग परियोजना के तहत गांव से 2 किलोमीटर नीचे भद्रिगाड़ पानी के गदेरे से सोलर ऊर्जा की मदद से वॉटर लिफ्टिंग करते हुए खेतों तक पानी पहुंचाया गया. जिसके बाद खेतों में होने वाली उपज की तस्वीर ही बदल गई. किसान बलबीर सिंह राणा ने बताया कि उसके जिन खेतों से वह अब तक निराश और हताश थे लेकिन ये खेत अब उनकी आजीविका का साधन बने हैं. बलबीर ने बताया कि वे अपने खेतों में मटर, बीन्स के अलावा शिमला मिर्च, गोभी, आलू उगा रहे हैं. जिससे वे सालभर में लाखों रुपए कमा रहे हैं.
पढ़ें- उज्ज्वला योजना: साढ़े तीन लाख गरीब परिवारों को मिला कनेक्शन, रिफिलिंग में फंसा पेंच
बलबीर सिंह ने बताया कि उन्हें सरकार के योजना का लाभ मिला है. अब वह खेतों में फसलों के साथ सब्जियां उगाकर स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि सब्जियों का उत्पादन बढ़ने से कई अन्य लोगों को भी रोजगार मिला है. नतीजा आज बलवीर सिंह जैसे किसान गांव में ही सरकार की योजनाओं का फायदा उठाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
पढ़ें- आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से महरूम ग्रामीण, पैदल नापनी पड़ती है दूरी
क्या है ग्रोथ सेंटर योजना
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी बढ़ाने व पलायन रोकने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ग्रोथ सेंटर मॉडल शुरू किया है. इसके लिए सरकार स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग गांव में ही करवाएगी. साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग करके राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार भी उपलब्ध कराएगी. ऐसे में गांव स्तर पर ही प्रोसेसिंग से काश्तकारों को उनके उत्पादों की ज्यादा कीमत मिलेगी. इसके अलावा सरकार उद्यमियों को चिह्नित कर जिलों में प्रोत्साहन पैकेज देगी.