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ऑल वेदर रोड के दावे नहीं हो पा रहे साकार, मंत्री महाराज बोले- प्रकृति से नहीं लड़ सकते!

All Weather Road Project प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक ऑल वेदर रोड परियोजना साकार होती नहीं दिख रही है. जब परियोजना की आधारशिला रखी गई थी, तब कहा गया था हर मौसम में यात्री आसानी से चारधाम पहुंच सकेंगे, लेकिन थोड़ी सी बारिश में ही हाईवे जगह-जगह से बाधित हो रहा है. पहाड़ी दरकने से लेकर सड़कें टूट रही हैं. ऐसे में आवाजाही करना और मुश्किल हो रहा है. मामले को लेकर जब उत्तराखंड के लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज से पूछा गया तो उन्होंने कहना था कि प्रकृति से नहीं लड़ सकते, लेकिन सड़कों को खोलने के मशीनरी तैनात की गई है.

All Weather Road Project
उत्तराखंड चारधाम सड़क परियोजना
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Published : Aug 2, 2023, 4:33 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 5:31 PM IST

ऑल वेदर रोड का हाल

देहरादूनः उत्तराखंड की आर्थिकी का साधन पर्यटन व्यवसाय है. चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालु सालाना राज्य और स्थानीय लोगों की जेब भर कर जाते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि राज्य गठन के बाद से आज तक मॉनसून सीजन में यात्रा कैसे सुचारू रूप से चलती रहे, इसका खाका तैयार नहीं हो पाया है. आलम ये है कि जिस ऑल वेदर रोड के सहारे सत्ता पक्ष बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था, वो ऑल वेदर रोड भी सहारा नहीं बन पा रही है. इसी वजह से थोड़ी सी बारिश में रोड जगह-जगह बंद हो रही है. जिसके चलते बीते करीब डेढ़ महीने में चारधाम यात्रा कई बार प्रभावित हुई है.

इस दिन खुले थे कपाटः गौर हो कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 बीते 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हुई थी. इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. चारधाम के कपाट खुलने के बाद 15 जून तक बृहद स्तर पर यात्रा संचालित हुई. लेकिन 15 जून के बाद भारी बारिश और फिर मॉनसून की दस्तक के बाद चारधाम की यात्रा प्रभावित होने लगी. जहां एक ओर चारों धामों में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे, वहीं मॉनसून सीजन के दौरान चारों धामों में महज 4 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

उत्तराखंड में बारिश का कहरः दरअसल, उत्तराखंड में 15 जून के बाद भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था. जिसके चलते चारधाम यात्रा प्रभावित होती रही. हालांकि, प्रशासन की ओर से सड़क मार्गों को खोलने के लिए मशीनों को तो लगाया जाता है, लेकिन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को कई बार घंटों-घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है. इतना ही नहीं मॉनसून सीजन के दौरान पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करना भी सुरक्षित नहीं रहता है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार भी मॉनसून सीजन के दौरान श्रद्धालुओं से इस बाबत अपील करती है कि मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करें.
ये भी पढ़ेंः चारधाम रूट पर ऑल वेदर रोड के लिए मुसीबत बन रहे हैं ओवर हैंगिंग रॉक मॉस, जियोलॉजिस्ट से जानें वजह

हर मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा प्रभावित होती रही है. ऐसे में यात्रा को सुगम बनाने के लिए ऑल वेदर रोड परियोजना लाई गई. जिसके तहत दावा किया गया कि ऑल वेदर रोड के बन जाने के बाद आने वाले समय में यात्रियों को जाम के साथ ही अन्य समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही हर समय सुरक्षित होकर श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. वर्तमान स्थिति ये है कि भारी बारिश के चलते कई बार ऑल वेदर रोड भी प्रभावित हो जाती है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

क्या बोले लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज? मामले में उत्तराखंड के पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं कि भारी बारिश से चलते तमाम सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनके रिपेयर का काम तेजी से चल रहा है. ताकि यात्रियों के लिए सड़कों को खोला जा सके. साथ ही कई-कई जगहों पर अभी भी सड़क टूटी हुई हैं. ऐसे में यात्रियों को मौसम की सटीक जानकारी लेकर ही यात्रा को शुरू करने को कहा जा रहा है. हालांकि, मॉनसून सीजन के दौरान यात्रा थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन जैसे ही बरसात खत्म होगी, उसके बाद चारधाम यात्रा रफ्तार पकड़ेगी.

Cabinet minister Satpal maharaj
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

मंत्री महाराज बोले- प्रकृति से कोई लड़ नहीं सकताः बहरहाल, जिस मकसद के साथ ऑल वेदर रोड का निर्माण जोरों शोरों से कराया गया था, वो मकसद पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि, ऑल वेदर रोड इस वजह से इस हाईवे को नाम दिया गया था ताकि हर सीजन पर्यटन गतिविधियां चलती रहें. लेकिन मॉनसून सीजन आते ही ऑल वेदर रोड की स्थिति भी बाकी सड़कों जैसी हो जाती है. इस पर मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि प्रकृति से कोई लड़ नहीं सकता है. क्योंकि, अतिवृष्टि होने की वजह से सड़कें उखड़ रही हैं और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो रही हैं. जिसके लिए सरकार कुछ नहीं कर सकती है. हालांकि, सड़कों को ठीक करने और यातायात को सुचारू करने के लिए मशीनों को तैनात किया गया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में बढ़ा विवाद, 'अब नहीं बचा पाउंगा पर्यावरण' कहकर HPC अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कही ये बातः वहीं, बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रदेश में लगातार भारी बारिश का सिलसिला जारी है. जिसके चलते तमाम सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं. जिसके चलते चारधाम यात्रा बाधित हो रही है. बावजूद इसके कुछ श्रद्धालु अभी भी दर्शन करने पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी तक श्रद्धालुओं के जो आंकड़े हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान रिकॉर्ड कायम करेगी.

ऑल वेदर रोड परियोजना पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्टः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में उत्तराखंड ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट भी शामिल है. पीएम मोदी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 27 दिसंबर 2016 को ऑल वेदर रोड परियोजना की आधारशिला रखी थी. इसके तहत उत्तराखंड के चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को आपस में जोड़ने की योजना है. यह मोदी सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे चारधाम सड़क परियोजना भी कहा जाता है.

All Weather Road Project
ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत काम

इस परियोजना का मकसद चारों धामों की यात्रा को हर मौसम में सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बनाना है. साथ ही चारधाम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा और मजबूत किया जाना है. इस परियोजना के तहत पहले चरण में 3 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. अभी काफी काम हो चुका है, लेकिन बारिश में रोड जगह-जगह से दरक रही है.

चारधाम में यात्रियों की संख्याः पर्यटन विभाग की मानें तो चारधाम के कपाट खुलने के बाद से अभी तक 34 लाख 85 हजार 981 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा बदरीनाथ धाम में 11,28,298, केदारनाथ धाम में 11,71,747, गंगोत्री धाम में 6,51,091, यमुनोत्री धाम में 5,34,845 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. वहीं, बीते 24 घंटे के भीतर बदरीनाथ धाम में 2,126, केदारनाथ धाम में 639, गंगोत्री धाम में 605, यमुनोत्री धाम में 667 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. इसके साथ भी अभी तक चारधाम यात्रा पर आने वाले 177 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में सबसे बड़े ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का क्या है स्टेटस, जानें कहां तक पहुंचा काम

ऑल वेदर रोड का हाल

देहरादूनः उत्तराखंड की आर्थिकी का साधन पर्यटन व्यवसाय है. चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालु सालाना राज्य और स्थानीय लोगों की जेब भर कर जाते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि राज्य गठन के बाद से आज तक मॉनसून सीजन में यात्रा कैसे सुचारू रूप से चलती रहे, इसका खाका तैयार नहीं हो पाया है. आलम ये है कि जिस ऑल वेदर रोड के सहारे सत्ता पक्ष बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था, वो ऑल वेदर रोड भी सहारा नहीं बन पा रही है. इसी वजह से थोड़ी सी बारिश में रोड जगह-जगह बंद हो रही है. जिसके चलते बीते करीब डेढ़ महीने में चारधाम यात्रा कई बार प्रभावित हुई है.

इस दिन खुले थे कपाटः गौर हो कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 बीते 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हुई थी. इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. चारधाम के कपाट खुलने के बाद 15 जून तक बृहद स्तर पर यात्रा संचालित हुई. लेकिन 15 जून के बाद भारी बारिश और फिर मॉनसून की दस्तक के बाद चारधाम की यात्रा प्रभावित होने लगी. जहां एक ओर चारों धामों में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे, वहीं मॉनसून सीजन के दौरान चारों धामों में महज 4 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

उत्तराखंड में बारिश का कहरः दरअसल, उत्तराखंड में 15 जून के बाद भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था. जिसके चलते चारधाम यात्रा प्रभावित होती रही. हालांकि, प्रशासन की ओर से सड़क मार्गों को खोलने के लिए मशीनों को तो लगाया जाता है, लेकिन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को कई बार घंटों-घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है. इतना ही नहीं मॉनसून सीजन के दौरान पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करना भी सुरक्षित नहीं रहता है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार भी मॉनसून सीजन के दौरान श्रद्धालुओं से इस बाबत अपील करती है कि मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करें.
ये भी पढ़ेंः चारधाम रूट पर ऑल वेदर रोड के लिए मुसीबत बन रहे हैं ओवर हैंगिंग रॉक मॉस, जियोलॉजिस्ट से जानें वजह

हर मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा प्रभावित होती रही है. ऐसे में यात्रा को सुगम बनाने के लिए ऑल वेदर रोड परियोजना लाई गई. जिसके तहत दावा किया गया कि ऑल वेदर रोड के बन जाने के बाद आने वाले समय में यात्रियों को जाम के साथ ही अन्य समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही हर समय सुरक्षित होकर श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. वर्तमान स्थिति ये है कि भारी बारिश के चलते कई बार ऑल वेदर रोड भी प्रभावित हो जाती है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

क्या बोले लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज? मामले में उत्तराखंड के पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं कि भारी बारिश से चलते तमाम सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनके रिपेयर का काम तेजी से चल रहा है. ताकि यात्रियों के लिए सड़कों को खोला जा सके. साथ ही कई-कई जगहों पर अभी भी सड़क टूटी हुई हैं. ऐसे में यात्रियों को मौसम की सटीक जानकारी लेकर ही यात्रा को शुरू करने को कहा जा रहा है. हालांकि, मॉनसून सीजन के दौरान यात्रा थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन जैसे ही बरसात खत्म होगी, उसके बाद चारधाम यात्रा रफ्तार पकड़ेगी.

Cabinet minister Satpal maharaj
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

मंत्री महाराज बोले- प्रकृति से कोई लड़ नहीं सकताः बहरहाल, जिस मकसद के साथ ऑल वेदर रोड का निर्माण जोरों शोरों से कराया गया था, वो मकसद पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि, ऑल वेदर रोड इस वजह से इस हाईवे को नाम दिया गया था ताकि हर सीजन पर्यटन गतिविधियां चलती रहें. लेकिन मॉनसून सीजन आते ही ऑल वेदर रोड की स्थिति भी बाकी सड़कों जैसी हो जाती है. इस पर मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि प्रकृति से कोई लड़ नहीं सकता है. क्योंकि, अतिवृष्टि होने की वजह से सड़कें उखड़ रही हैं और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो रही हैं. जिसके लिए सरकार कुछ नहीं कर सकती है. हालांकि, सड़कों को ठीक करने और यातायात को सुचारू करने के लिए मशीनों को तैनात किया गया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में बढ़ा विवाद, 'अब नहीं बचा पाउंगा पर्यावरण' कहकर HPC अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कही ये बातः वहीं, बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रदेश में लगातार भारी बारिश का सिलसिला जारी है. जिसके चलते तमाम सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं. जिसके चलते चारधाम यात्रा बाधित हो रही है. बावजूद इसके कुछ श्रद्धालु अभी भी दर्शन करने पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी तक श्रद्धालुओं के जो आंकड़े हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान रिकॉर्ड कायम करेगी.

ऑल वेदर रोड परियोजना पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्टः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में उत्तराखंड ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट भी शामिल है. पीएम मोदी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 27 दिसंबर 2016 को ऑल वेदर रोड परियोजना की आधारशिला रखी थी. इसके तहत उत्तराखंड के चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को आपस में जोड़ने की योजना है. यह मोदी सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे चारधाम सड़क परियोजना भी कहा जाता है.

All Weather Road Project
ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत काम

इस परियोजना का मकसद चारों धामों की यात्रा को हर मौसम में सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बनाना है. साथ ही चारधाम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा और मजबूत किया जाना है. इस परियोजना के तहत पहले चरण में 3 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. अभी काफी काम हो चुका है, लेकिन बारिश में रोड जगह-जगह से दरक रही है.

चारधाम में यात्रियों की संख्याः पर्यटन विभाग की मानें तो चारधाम के कपाट खुलने के बाद से अभी तक 34 लाख 85 हजार 981 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा बदरीनाथ धाम में 11,28,298, केदारनाथ धाम में 11,71,747, गंगोत्री धाम में 6,51,091, यमुनोत्री धाम में 5,34,845 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. वहीं, बीते 24 घंटे के भीतर बदरीनाथ धाम में 2,126, केदारनाथ धाम में 639, गंगोत्री धाम में 605, यमुनोत्री धाम में 667 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. इसके साथ भी अभी तक चारधाम यात्रा पर आने वाले 177 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में सबसे बड़े ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का क्या है स्टेटस, जानें कहां तक पहुंचा काम

Last Updated : Aug 2, 2023, 5:31 PM IST
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