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आयुष सेक्टर के सभी MoU की ग्राउंडिंग कराएगा विभाग, पहाड़ों में लगेगी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट - Investment in AYUSH sector

Uttarakhand Global Investors Summit 2023 आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने कहा कि विभाग आयुष क्षेत्र के सभी एमओयू की ग्राउंडिंग कराएगा. साथ ही पहाड़ों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की बात भी कही गई है. उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू साइन किए गए हैं. इसमें आयुष के क्षेत्र में 18 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.

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देहरादून
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 11, 2023, 7:52 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 8:48 PM IST

आयुष सेक्टर के सभी MoU की ग्राउंडिंग कराएगा विभाग.

देहरादूनः उत्तराखंड में तमाम सेक्टर ऐसे हैं जिनमें निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कुछ सेक्टर पर ही विशेष फोकस किया. इन्हीं विशेष फोकस सेक्टर में आयुष और वेलनेस सेक्टर भी शामिल है. मुख्य रूप से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में जड़ी बूटियां अपार मात्रा में मौजूद है. लेकिन अभी तक इन जड़ी बूटियों का सही ढंग से सदुपयोग नहीं हो पाया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अगले एक साल के भीतर प्रदेश में मौजूद हजारों किस्म की जड़ी-बूटियों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल हो पाएगा.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के तमाम सेक्टर्स में निवेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया. प्रदेश में निवेश के लिए देश के तमाम प्रमुख शहरों के साथ ही विदेशों में भी सीएम धामी ने रोड शो किया. जिसका नतीजा ये हुआ कि समिट के मुख्य आयोजन से पहले ही सरकार की ओर से तय किए गए ढाई लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य पूरा कर लिया गया. साथ ही करीब 44 हजार करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग भी हो गई. इसके बाद 8 और 9 दिसंबर को देहरादून स्तिथ एफआरआई में समिट का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया.

लक्ष्य से ज्यादा की ग्राउंडिंग: दो दिवसीय समिट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया तो समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हुए. इस समिट के लिए कुल मिलाकर तीन लाख 52 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए. ये समिट राज्य सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि रहा. क्योंकि सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था उससे कही ज्यादा की ग्राउंडिंग हो चुकी है. लेकिन, ऐसे में सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती ये है कि किस तरह से ग्राउंडिंग को ओर अधिक बढ़ाया जाए.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के सालाना बजट से करीब 4 गुना ज्यादा पर MoU साइन, धरातल पर उतरा निवेश तो बदल जाएगी प्रदेश की तस्वीर!

तीन सेक्टरों में निवेशकों की रूचि: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडे ने बताया कि जो निवेशक समिट में शामिल हुए. उसमें से अधिकतर निवेशक वेलनेस के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं. क्योंकि निवेशकों को यहां की पॉलिसी पसंद है. यहां की नेचुरल ब्यूटी निवेशकों को आकर्षित कर रही है. इसके चलते निवेशक वेलनेस के क्षेत्र में आना चाहते हैं. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी आना चाहते हैं. उत्तराखंड में करीब एक हजार से ज्यादा जड़ी बूटियां हैं जो आयुष में इस्तेमाल होती है. कुल मिलाकर, निवेशक वेलनेस, मैन्युफैक्चरिंग और आयुष एजुकेशन के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं.

आयुष के क्षेत्र में 18 हजार करोड़ के MoU: आयुष सचिव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य कार्यक्रम से पहले आयुष के क्षेत्र में करीब 6 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन हो चुका था. समिट के मुख्य कार्यक्रम के दौरान करीब 12 हजार करोड़ रुपए का एमओयू और साइन किया गया. यानी अभी तक 18 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन हो चुका है. जिसमें से मुख्य कार्यक्रम होने से पहले तक करीब 400 करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग की जा चुकी है. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि अगले एक साल के भीतर जितने भी एमओयू साइन हुए हैं, उसकी ग्राउंडिंग कर सके.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन में निवेश के लिए आगे आए निवेशक, खूबसूरत वादियों में शादियां होंगी यादगार

आयुष सेक्टर से प्रदेश में आएगा निवेश: पंकज पांडे ने कहा कि वेलनेस सेक्टर से पूरा प्रदेश डेवलप होगा. क्योंकि वेलनेस उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में भी जा रहा है. मैन्युफैक्चरिंग की छोटी यूनिट पहाड़ों में लगेगी, जहां जड़ी बूटियां पैदा हो रही है. इसके अलावा जो मैन्युफैक्चरिंग की बड़ी यूनिट है वो मैदानों में लगती है. ऐसे में आयुष एक ऐसा सेक्टर है जिससे पूरे प्रदेश में निवेश आएगा.

आयुष सेक्टर के सभी MoU की ग्राउंडिंग कराएगा विभाग.

देहरादूनः उत्तराखंड में तमाम सेक्टर ऐसे हैं जिनमें निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कुछ सेक्टर पर ही विशेष फोकस किया. इन्हीं विशेष फोकस सेक्टर में आयुष और वेलनेस सेक्टर भी शामिल है. मुख्य रूप से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में जड़ी बूटियां अपार मात्रा में मौजूद है. लेकिन अभी तक इन जड़ी बूटियों का सही ढंग से सदुपयोग नहीं हो पाया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अगले एक साल के भीतर प्रदेश में मौजूद हजारों किस्म की जड़ी-बूटियों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल हो पाएगा.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के तमाम सेक्टर्स में निवेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया. प्रदेश में निवेश के लिए देश के तमाम प्रमुख शहरों के साथ ही विदेशों में भी सीएम धामी ने रोड शो किया. जिसका नतीजा ये हुआ कि समिट के मुख्य आयोजन से पहले ही सरकार की ओर से तय किए गए ढाई लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य पूरा कर लिया गया. साथ ही करीब 44 हजार करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग भी हो गई. इसके बाद 8 और 9 दिसंबर को देहरादून स्तिथ एफआरआई में समिट का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया.

लक्ष्य से ज्यादा की ग्राउंडिंग: दो दिवसीय समिट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया तो समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हुए. इस समिट के लिए कुल मिलाकर तीन लाख 52 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए. ये समिट राज्य सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि रहा. क्योंकि सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था उससे कही ज्यादा की ग्राउंडिंग हो चुकी है. लेकिन, ऐसे में सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती ये है कि किस तरह से ग्राउंडिंग को ओर अधिक बढ़ाया जाए.
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तीन सेक्टरों में निवेशकों की रूचि: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडे ने बताया कि जो निवेशक समिट में शामिल हुए. उसमें से अधिकतर निवेशक वेलनेस के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं. क्योंकि निवेशकों को यहां की पॉलिसी पसंद है. यहां की नेचुरल ब्यूटी निवेशकों को आकर्षित कर रही है. इसके चलते निवेशक वेलनेस के क्षेत्र में आना चाहते हैं. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी आना चाहते हैं. उत्तराखंड में करीब एक हजार से ज्यादा जड़ी बूटियां हैं जो आयुष में इस्तेमाल होती है. कुल मिलाकर, निवेशक वेलनेस, मैन्युफैक्चरिंग और आयुष एजुकेशन के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं.

आयुष के क्षेत्र में 18 हजार करोड़ के MoU: आयुष सचिव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य कार्यक्रम से पहले आयुष के क्षेत्र में करीब 6 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन हो चुका था. समिट के मुख्य कार्यक्रम के दौरान करीब 12 हजार करोड़ रुपए का एमओयू और साइन किया गया. यानी अभी तक 18 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन हो चुका है. जिसमें से मुख्य कार्यक्रम होने से पहले तक करीब 400 करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग की जा चुकी है. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि अगले एक साल के भीतर जितने भी एमओयू साइन हुए हैं, उसकी ग्राउंडिंग कर सके.
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आयुष सेक्टर से प्रदेश में आएगा निवेश: पंकज पांडे ने कहा कि वेलनेस सेक्टर से पूरा प्रदेश डेवलप होगा. क्योंकि वेलनेस उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में भी जा रहा है. मैन्युफैक्चरिंग की छोटी यूनिट पहाड़ों में लगेगी, जहां जड़ी बूटियां पैदा हो रही है. इसके अलावा जो मैन्युफैक्चरिंग की बड़ी यूनिट है वो मैदानों में लगती है. ऐसे में आयुष एक ऐसा सेक्टर है जिससे पूरे प्रदेश में निवेश आएगा.

Last Updated : Dec 11, 2023, 8:48 PM IST
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