देहरादून: लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद नेताओं के तेवर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं. जो कभी अपने विरोधियों के दामन पर लगे दागों को गिनवाते थे, आज वो ही उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं. 2017 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से जिन नेताओं ने बीजेपी छोड़ी थी आज एकाएक उनका हृदय परिवर्तित हो गया है और उन्होंने घर वापसी कर ली है.
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शनिवार का दिन बीजेपी के लिए काफी अच्छा रहा. बीजेपी अपने रूठे हुए तीन नेताओं (रुड़की से पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन, केदारनाथ से पूर्व विधायक आशा नौटियाल और ऋषिकेश के संदीप गुप्ता) को मानने में कामयाब हुई और उनकी घर वापसी कराई. तीनों नेताओं को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी का सदस्य बनाया. तीनों नेताओं के सैकड़ों समर्थक भी बीजेपी में शामिल हुए.
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बीजेपी के इन तीन बड़े चेहरों में से दो पूर्व विधायक 2016 में पार्टी से उस समय रूठ गए थे, जब कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को बीजेपी में शामिल करवाया गया था. केदारनाथ से कांग्रेस की पूर्व विधायक शैला रानी रावत बीजेपी में शामिल हुए थी, इसी बात से नाराज होकर बीजेपी नेता आशा नौटियाल पार्टी से रूठ गईं थी और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
वहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता संदीप गुप्ता पार्टी प्रत्याशी प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ ही मैदान में उतरे थे. हालांकि इस चुनाव में वो जीत नहीं पाए थे. पार्टी काफी समय से तीनों को मनाने की कोशिश में लगी हुई थी, जिसके बाद शनिवार को तीनों पार्टी में शामिल हो गए.
ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन को मजबूत करने के लिए हर वह कोशिश कर रही है, जिससे 2019 के सियासी रण में फतह हासिल हो सके. हालांकि, 2012 से पहले पार्टी छोड़ चुके या फिर पार्टी से नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए भी पार्टी ने दरवाजे खुले छोड़े हैं.