देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाला (uttarakhand assembly recruitment scam) चर्चाओं में बना हुआ है. भर्ती घोटाला सामने आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने सख्त रुख अपनाया था. जिसके तहत उन्होंने साल 2011 के बाद उत्तराखंड विधानसभा में हुई 228 नियुक्तियों को रद्द कर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. वहीं, अब विधानसभा भर्ती घोटाले में नया मोड सामने आया है. बीते रोज सोशल मीडिया पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा नियुक्त किए गए तीन कर्मचारियों का आदेश का पत्र वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर ऋतु खंडूड़ी द्वारा नियुक्त किए गए इस पत्र को सबसे पहले यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने पोस्ट किया. जिसको लेकर ईटीवी भारत ने उनसे इस संबंध में जानकारी ली. जिसमें उन्होंने कहा यह नियुक्ति पत्र ओरिजिनल है. जिसकी वह जिम्मेदारी लेते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की नियुक्तियां करके विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किस तरह का संदेश दिया जा रहा है?
उन्होंने कहा एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष पूर्व में की गई नियुक्तियों का निरस्तीकरण कर रही है. वहीं, दूसरी ओर खुद ही इस तरह की नियुक्तियां कर रही हैं. शिव प्रसाद सेमवाल ने सवाल उठाया कि नियुक्त किए गए यह कर्मचारी उत्तराखंड के बाहर से है, जिसका उन्होंने विरोध किया है. सेमवाल ने कहा उत्तराखंड में बाहरी लोगों को क्यों रोजगार में आगे रखा जा रहा है?
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वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने इसे भाजपा की कथनी और करनी का सबब बताया. गरिमा ने आरोप लगाया कि भाजपा के दिखाने के दांत और हैं और खाने के और. एक तरफ सरकार विधानसभा भर्ती घोटाले में सख्त कार्रवाई की बात कहकर खुद की पीठ थपथपा रही है. वहीं, सामने आए इस पत्र से साफ हो गया कि सरकार की रीति-नीति क्या है?
वहीं इस मामले पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कांग्रेस बौखलाई हुई है. लगातार लोगों की जनभावनाओं का दुरुपयोग करते हुए कांग्रेस सोशल मीडिया पर तरह-तरह के फर्जी लेटर जारी कर रही है. सरकार किसी भी तरह की अनियमितता को लेकर के बेहद सख्त है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. बात चाहे यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की हो या, फिर विधानसभा भर्ती घोटाले में सरकार ने सख्त कार्रवाई कर एक बड़ा संदेश दिया है.
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वहीं, दिल्ली दौर पर पहुंची विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि यह पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित मामला है. उन्होंने कहा नियुक्ति के आदेश में साफ देखा जा सकता है कि विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होते ही यह नियुक्तियां स्वत: समाप्त हो जाएंगी. वहीं, बाहरी लोगों को नियुक्ति देने के सवाल पर उन्होंने कहा वह एक बेहतर व्यवस्था चाहती हैं, जिसके लिए वह लगातार प्रयास कर रही हैं. उत्तराखंड में भी बेहतर लोग हैं, लेकिन उनके हर फैसले का कुछ लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं. क्योंकि उनके फैसले से कईयों को दुख हुआ है. उनके द्वारा नियुक्त किए गए लोग बेहद क्वालिफाइड और योग्य हैं.