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देहरादून: अनुपम खेर की किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' का विमोचन - उत्तराखंड की हिंदी खबरें

एक फिल्म की शूटिंग के लिए देहरादून पहुंचे एक्टर अनुपम खेर ने अपनी पुस्तक 'योर बेस्ट डे इज टुडे' का विमोचन किया.

Anupam Kher in Uttarakhand
अनुपम खेर की किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' का विमोचन
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Published : Dec 15, 2020, 6:10 PM IST

देहरादून: मशहूर अभिनेता अनुपम खेर मंगलवार को एक फिल्म की शूटिंग के लिए देहरादून पहुंचे. इस दौरान रोजपुर रोड स्थित एक जाने-माने बुक स्टोर में अपनी किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' का विमोचन किया. इस पुस्तक के लिए जरिए अनुपम खेर ने कोरोना संकट काल में अपने अनुभवों को साझा किया है.

अनुपम खेर ने कहा कि मैं पेशे से लेखक नहीं हूं, अभिनेता हूं. इस कोरोना काल में मेरे एवं परिवार ने कोरोना के संघर्ष को जीता, यह इस पुस्तक में है. मनुष्य जाति ने प्रकृति को लेकर उत्पात मचाया है, इस कोरोना काल ने उन्हें यह सबक भी सिखाया. उन्होंने बताया कि पहले कभी इस तरह की महामारी नहीं देखी, 36 साल में कभी छुट्टी नहीं ली, लेकिन इस महामारी को वजह से संक्रमण होने से छुट्टी लेनी पड़ी.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री निशंक का विपक्ष पर हमला, कहा- किसानों को गुमराह कर रहा विपक्षी दल

अनुपम खेर के मुताबिक इस महामारी में जो भी मेरे विचार मेरे मन आए, वह इस पुस्तक में देखने को मिलेगा. यह पुस्तक में दुनिया बदलेगी, इंसान बदलेंगे का भी विस्तृत वर्णन किया है. यह पुस्तक मेरे दिल से निकली है.

अपनी किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' के माध्यम से फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने बड़ी खूबसूरती के साथ लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी के एक-एक पल को खुलकर जीना चाहिए. क्योंकि जिंदगी में कब कैसी परिस्थिति का सामना करना पड़े यह कह पाना संभव नहीं है.

देहरादून: मशहूर अभिनेता अनुपम खेर मंगलवार को एक फिल्म की शूटिंग के लिए देहरादून पहुंचे. इस दौरान रोजपुर रोड स्थित एक जाने-माने बुक स्टोर में अपनी किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' का विमोचन किया. इस पुस्तक के लिए जरिए अनुपम खेर ने कोरोना संकट काल में अपने अनुभवों को साझा किया है.

अनुपम खेर ने कहा कि मैं पेशे से लेखक नहीं हूं, अभिनेता हूं. इस कोरोना काल में मेरे एवं परिवार ने कोरोना के संघर्ष को जीता, यह इस पुस्तक में है. मनुष्य जाति ने प्रकृति को लेकर उत्पात मचाया है, इस कोरोना काल ने उन्हें यह सबक भी सिखाया. उन्होंने बताया कि पहले कभी इस तरह की महामारी नहीं देखी, 36 साल में कभी छुट्टी नहीं ली, लेकिन इस महामारी को वजह से संक्रमण होने से छुट्टी लेनी पड़ी.

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अनुपम खेर के मुताबिक इस महामारी में जो भी मेरे विचार मेरे मन आए, वह इस पुस्तक में देखने को मिलेगा. यह पुस्तक में दुनिया बदलेगी, इंसान बदलेंगे का भी विस्तृत वर्णन किया है. यह पुस्तक मेरे दिल से निकली है.

अपनी किताब 'योर बेस्ट डे इज टुडे' के माध्यम से फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने बड़ी खूबसूरती के साथ लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी के एक-एक पल को खुलकर जीना चाहिए. क्योंकि जिंदगी में कब कैसी परिस्थिति का सामना करना पड़े यह कह पाना संभव नहीं है.

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