देहरादून: त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 विषय पर नगर निकायों की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में प्लास्टिक फ्री होने वाला जो पहला नगर निगम होगा, उसको एक करोड़ रुपये का ईनाम दिया जायेगा.
इसी तरह प्लास्टिक फ्री होने वाली पहली नगर पालिका को 75 लाख रुपये और नगर पंचायत को 50 लाख रुपये का ईनाम दिया जायेगा. सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले प्रदेश के निकाय को एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे. साथ ही प्रदेश में स्वच्छता रैंकिंग में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले नगर निकायों की पुरस्कार राशि तीन गुना की जायेगी.
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अब इन नगर निगम को क्रमश 20 लाख, 15 लाख और 10 लाख के स्थान पर 60 लाख, 45 लाख व 30 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी. वहीं नगर पालिकाओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमश 15 लाख, 10 लाख और 7 लाख रुपये की धनराशि मिलती थी, जो अब बढ़ाकर 45 लाख, 30 लाख व 21 लाख कर दी गई है. जबकि नगर पंचायतों को मिलने वाली धनराशि क्रमश 10 लाख, 8 लाख और 5 लाख से बढ़ाकर 30 लाख, 24 और 15 लाख रुपये दिए जायेंगे.
बुधवार को कार्यशाला में स्वच्छता रैंकिंग के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रथम तीन नगर निकायों को सम्मानित करते हुए उन्हें पुरस्कार राशि दी गई. प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले नगर निगमों को 20 लाख, 15 लाख और 10 लाख की धनराशि प्रदान की गई. इसके अलावा ये तीनों नगर निगम स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए एक करोड़, 75 लाख और 50 लाख तक की लागत का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं.
इस रैंकिंग में नगर निगम रुड़की ने प्रथम, काशीपुर ने द्वितीय और हल्द्वानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है. नगर पालिका परिषद मुनी की रेती, गौचर और गोपेश्वर को क्रमश प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार मिला है. इन नगर पालिका परिषदों को 15 लाख, 10 लाख व 7 लाख की धनराशि प्रदान की गई. ये नगर पालिका परिषद स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमश 75 लाख, 50 लाख और 30 लाख रुपये तक का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं.
नगर पंचायतों में अगस्त्यमुनी ने प्रथम, गजा ने द्वितीय व शक्तिगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है. इन नगर पंचायतों को क्रमश 10 लाख, 8 लाख और 5 लाख की पुरस्कार राशि दी गई. इन नगर पंचायतों को स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए 50 लाख, 30 लाख व 20 लाख रुपये की अनुमन्यता प्रदान की जा चुकी है.