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बर्ड फ्लू से पोल्ट्री फार्म को बचाने की कोशिश, 4 राष्ट्रीय पक्षी की मौत से चिंता में महकमा - उत्तराखंड पोल्ट्री फॉर्म

बर्ड फ्लू से अब तक प्रदेश में 4 राष्ट्रीय पक्षी मोर भी मर चुके हैं, जिसके बाद वन विभाग ने संरक्षित वनों और दूसरे तमाम क्षेत्रों में भी एहतियात और ज्यादा बढ़ा दी है. इसके साथ ही उत्तराखंड पशुपालन और वन विभाग को 800 से ज्यादा पक्षी भी अब तक मृत मिल चुके हैं.

Uttarakhand Bird Flu
Uttarakhand Bird Flu
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Published : Jan 15, 2021, 10:21 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पशुपालन और वन विभाग को 800 से ज्यादा पक्षी अब तक मृत मिल चुके हैं. वहीं, कुछ सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद अलर्टनेस बढ़ा दी गई है. चिंता की बात यह है कि प्रदेश में अब तक 4 राष्ट्रीय पक्षी मोर भी मर चुके हैं, जिसके बाद वन विभाग ने संरक्षित वनों और दूसरे तमाम क्षेत्रों में भी एहतियात और ज्यादा बढ़ा दी है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कौवों की मौत की बड़ी संख्या में जानकारियां रही है. पहले भंडारी बाग और बांबे बाग क्षेत्र में 100 से ज्यादा कौवे मरे मिले. राज्य में अब तक 800 से ज्यादा पक्षियों के मरने की पुष्टि हुई है. 13 जनवरी को प्रदेश में कुल 151 पक्षियों की मौत का आंकड़ा सामने आया था. तो वहीं, 14 जनवरी को यह आंकड़ा 51 रहा है. मरने वाले पक्षियों में उल्लू, पेराकीट, मोर, कबूतर, घुघुती, बतख, किंग फिसर, पेगीय मैना, स्पॉटेड डोव, तोता, कोटूर शामिल हैं.

बर्ड फ्लू से पोल्ट्री फार्म को बचाने की कोशिश.

खास बात यह है कि संरक्षित वन क्षेत्र केदारनाथ में एक पक्षी और राजाजी में भी 3 पक्षियों के मरने की खबर है. उधर, राष्ट्रीय पक्षी मोर के मरने की खबर के बाद वन विभाग काफी चिंता में दिखाई दे रहा है. वन विभाग की तरफ से पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है और अधिकारियों से भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है.

वन विभाग की कोशिश पोल्ट्री फॉर्म बचाने की है, जिसका लोगों के रोजगार से सीधा सरोकार है. वन विभाग में बर्ड फ्लू को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी आई एफ एस अधिकारी आरके मिश्रा के मुताबिक विचरण करने वाली जंगली चिड़ियों में ही बर्ड फ्लू पाया जा रहा है. उससे अब पोल्ट्री फॉर्म को भी खतरा बना हुआ है. जंगली और पालतू सूअरों में भी इसका सबसे ज्यादा खतरा है. लिहाजा, वन विभाग आम लोगों में सतर्कता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और अपने स्तर पर भी बर्ड फ्लू से बचने के लिए दूसरे तमाम प्रयास कर रहा है.

अभी पोल्ट्री फॉर्म तक नहीं पहुंचा बर्ड फ्लू- रेखा आर्य.

पढ़ें- बंशीधर भगत बोले- नेता प्रतिपक्ष को बयान से गहरा घाव लगा तो डॉक्टर से करवाएं इलाज

अभी पोल्ट्री फॉर्म तक नहीं पहुंचा बर्ड फ्लू- रेखा आर्य

ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश में जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, मगर अभी तक गढ़वाल और कुमाऊं रीजन में किसी भी पोल्ट्री फार्म में यह संक्रमण होना नहीं पाया गया है. एहतियात के तौर पर कुछ पोल्ट्री फार्म से सैंपल लेकर बरेली जांच को भेजे गए थे, लेकिन बरेली की प्रयोगशाला से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. लिहाजा, प्रदेश के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है.

देहरादून: उत्तराखंड पशुपालन और वन विभाग को 800 से ज्यादा पक्षी अब तक मृत मिल चुके हैं. वहीं, कुछ सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद अलर्टनेस बढ़ा दी गई है. चिंता की बात यह है कि प्रदेश में अब तक 4 राष्ट्रीय पक्षी मोर भी मर चुके हैं, जिसके बाद वन विभाग ने संरक्षित वनों और दूसरे तमाम क्षेत्रों में भी एहतियात और ज्यादा बढ़ा दी है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कौवों की मौत की बड़ी संख्या में जानकारियां रही है. पहले भंडारी बाग और बांबे बाग क्षेत्र में 100 से ज्यादा कौवे मरे मिले. राज्य में अब तक 800 से ज्यादा पक्षियों के मरने की पुष्टि हुई है. 13 जनवरी को प्रदेश में कुल 151 पक्षियों की मौत का आंकड़ा सामने आया था. तो वहीं, 14 जनवरी को यह आंकड़ा 51 रहा है. मरने वाले पक्षियों में उल्लू, पेराकीट, मोर, कबूतर, घुघुती, बतख, किंग फिसर, पेगीय मैना, स्पॉटेड डोव, तोता, कोटूर शामिल हैं.

बर्ड फ्लू से पोल्ट्री फार्म को बचाने की कोशिश.

खास बात यह है कि संरक्षित वन क्षेत्र केदारनाथ में एक पक्षी और राजाजी में भी 3 पक्षियों के मरने की खबर है. उधर, राष्ट्रीय पक्षी मोर के मरने की खबर के बाद वन विभाग काफी चिंता में दिखाई दे रहा है. वन विभाग की तरफ से पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है और अधिकारियों से भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है.

वन विभाग की कोशिश पोल्ट्री फॉर्म बचाने की है, जिसका लोगों के रोजगार से सीधा सरोकार है. वन विभाग में बर्ड फ्लू को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी आई एफ एस अधिकारी आरके मिश्रा के मुताबिक विचरण करने वाली जंगली चिड़ियों में ही बर्ड फ्लू पाया जा रहा है. उससे अब पोल्ट्री फॉर्म को भी खतरा बना हुआ है. जंगली और पालतू सूअरों में भी इसका सबसे ज्यादा खतरा है. लिहाजा, वन विभाग आम लोगों में सतर्कता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और अपने स्तर पर भी बर्ड फ्लू से बचने के लिए दूसरे तमाम प्रयास कर रहा है.

अभी पोल्ट्री फॉर्म तक नहीं पहुंचा बर्ड फ्लू- रेखा आर्य.

पढ़ें- बंशीधर भगत बोले- नेता प्रतिपक्ष को बयान से गहरा घाव लगा तो डॉक्टर से करवाएं इलाज

अभी पोल्ट्री फॉर्म तक नहीं पहुंचा बर्ड फ्लू- रेखा आर्य

ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश में जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, मगर अभी तक गढ़वाल और कुमाऊं रीजन में किसी भी पोल्ट्री फार्म में यह संक्रमण होना नहीं पाया गया है. एहतियात के तौर पर कुछ पोल्ट्री फार्म से सैंपल लेकर बरेली जांच को भेजे गए थे, लेकिन बरेली की प्रयोगशाला से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. लिहाजा, प्रदेश के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है.

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