देहरादूनः महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ियों को एक और नई सौगात दी जा रही है. विभाग की ओर से मानकों में कुछ बदलाव करते हुए यह निर्देश जारी किए गए हैं कि अगर प्रदेश के किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता का पद खाली होता है तो वहां पर पूर्व से ही तैनात सहायिका की पदोन्नति को स्वत ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में किया जाएगा.
इसके साथ ही अगर सहायिका का पद खाली होता है तो उसकी जगह पर मिनी आंगनबाड़ी को ही पदोन्नत किया जाएगा. इसके बाद अगर इन पदों पर सहायिका या मिनी आंगनबाड़ी किन्हीं कारणों से पदभार ग्रहण नहीं करना चाहती हैं तो उसके बाद विभाग की ओर से आवेदन निकाले जाएंगे.
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महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य (Cabinet minister Rekha Arya) ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि विभाग की ओर से आगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों को भरने में कुछ मानकों में परिवर्तन किया गया है. इस परिवर्तन से जहां आगनबाड़ी केंद्रों में पूर्व से ही तैनात सहायिका और मिनी आंगनबाड़ियों को फायदा मिलेगा तो इससे महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पर जो आवेदनों के लिए बोझ पड़ता था, वो भी कम होगा.
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद खाली होने पर उस केंद्र में तैनात सहायिका को स्वत: ही पदोन्नति मिल जाएगी और मिनी आंगनबाड़ियों को भी इसी प्रकार का लाभ इन मानकों के बदलाव से मिलेगा. अगर किसी परिस्थिति में सहायिका या मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपना पदभार नहीं संभालती है तो उसके बाद महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग इन पदों के लिए आवेदन फॉर्म निकालेगा. जिसमें पूर्व के मानकों के अनुसार की चयन प्रक्रिया की जाएगी.
बता दें कि पूर्व में धामी सरकार में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी वर्करों का वेतन बढ़ाया गया था. आंगनबाड़ी वर्करों (Anganwadi Worker) की कोरोनाकाल में अहम भूमिका रही थी तो वहीं अब निर्वाचन आदि कार्यों में भी अपनी भूमिका अदा कर रही हैं.