ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश का गठन हुए अभी एक साल भी नहीं बीता है और घोटाले के मामले सामने आने लगे हैं. ताजा मामला आउटसोर्सिंग कंपनी के घोटाले को लेकर सामने आ रहा है. निगम के पार्षदों ने आउटसोर्सिंग कंपनी पर घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है और कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है.
नगर निगम में आउटसोर्सिंग कंपनी को लेकर पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है. पार्षदों ने कंपनी पर घोटाले का आरोप लगाया है. साथ ही निगम के अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है. वहीं पार्षद मनीष शर्मा का कहना है कि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा कर्मचारियों की भर्ती में धांधली के साथ-साथ कर्मचारियों को वेतन भी पूरा नहीं दिया जा रहा है.
निगम में अनुबंध के मुताबिक कंपनी के द्वारा जो मानदेय देना था, उसमें से कंपनी द्वारा जीएसटी काटा जा रहा है. जबकि जीएसटी कर्मचारी के वेतन से नहीं बल्कि कंपनी को खुद देना होता है. वहीं नियमों के अनुसार कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खाते में आना चाहिए, लेकिन कर्मचारियों को कैश में वेतन दिया जा रहा है.
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पार्षदों का कहना है कि आउटसोर्सिंग कंपनी के ठेकेदार निगम के अधिकारियों से मिलकर धांधली कर रहे हैं और कर्मचारियों की मेहनत के पैसों पर डांका डाला जा रहा है. वहीं पार्षदों ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है.
इस मामले को लेकर नगर आयुक्त नरेंद्र क्युरियाल ने बताया कि आउटसोर्सिंग कंपनी को लेकर पार्षदों ने मामला उठाया है. अब इस मामले की जांच की जाएगी, अगर कंपनी के द्वारा अनियमितता की गई है तो निश्चित तौर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है.