देहरादून: ढैंचा बीज घोटाले पर हाल ही में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर जो बयान दिया है. उस पर आम आदमी पार्टी (आप) के सीएम उम्मीदवार अजय कोठियाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कांग्रेस और भाजपा को फ्रेंडली पॉलिटिक्स बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी ने पांच साल तुम लूटों और पांच साल हम लूटेंगे की तर्ज पर काम किया है.
अजय कोठियाल ने कहा कि दोनों ही पार्टियों को एक ही सिक्के के दो पहलू है. दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे से मिले हुए हैं. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बयान से यह जाहिर हो चुका है कि कैसे उन्होंने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए ढैंचा बीज घोटाले में लचीलापन दिखाया और त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कार्रवाई होने से बचाया.
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अजय कोठियाल ने कहा कि खुद हरक सिंह रावत ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटाले में गिने जाने वाले ढैंचा बीज घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बचाव किया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं होने दी थी.
अजय कोठियाल ने कहा कि खुद हरक सिंह रावत ने सच्चाई बयां की है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ढैंचा बीज घोटाले की फाइल मांगें जाने पर उन्होंने त्रिवेंद्र रावत के पक्ष में 2 पेज का नोट लिखा था, जिस कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत पर मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया था.
अजय कोठियाल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने भी त्रिवेंद्र रावत और उन सभी अधिकारियों का बचाव किया है, जो इस बड़े घोटाले में संलिप्त थे. हरीश रावत अपने आप को पाक साफ बताते हैं, जबकि हकीकत यह है कि हरीश रावत उत्तराखंड को लूटने वालों के सबसे बड़े संरक्षक हैं.
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उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत का ये खुलासा बताता है कि उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस का एक ही मकसद है और वो प्रदेश को बर्बाद करना. उन्होंने इस घोटाले पर दोनों ही पार्टियों के बीच की फिक्सिंग बताया.
क्या है ढैंचा बीज घोटाला: ढैंचा बीज घोटाला 2009-10 में सामने आया था. तब त्रिवेंद्र सिंह रावत कृषि मंत्री थे और उन्हीं के ऊपर आरोप लगा था कि बाजार से अधिक दाम पर ढैंचा बीज खरीदे गए. इसके सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ा था.
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में इस घोटाले की जांच के लिए त्रिपाठी आयोग बनाया गया था. त्रिपाठी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि ढैंचा बीज खरीद में घोटाला हुआ है, लिहाजा त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया और हरीश रावत के हाथों में सत्ता आ गए है. हरीश रावत प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने.
आप नेता अजय कोठियाल का आरोप है कि इसके बाद हरीश रावत ने इस जांच को दबा दिया था. इसके बाद 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और त्रिवेंद्र रावत सीएम बने. भाजपा सरकार ने तमाम सबूतों को दरकिनार करते हुए त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और त्रिवेंद्र रावत को क्लीन चिट मिल गई.
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हरक सिंह रावत ने रविवार को दिया था बयान: रविवार को हरक सिंह रावत ने एक बयान दिया था. हरक ने कहा था कि ढैंचा बीज घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को गिरफ्तार करने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने हरीश रावत सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत का बचाव किया था.
हरक ने कहा कि उनकी वजह से ही त्रिवेंद्र सिंह रावत जेल जाने से बचे थे. यदि वे उस समय त्रिवेंद्र सिंह रावत का बचाव नहीं करते तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल जाना पड़ता और फिर वे मुख्यमंत्री कैसे बनते. हरक सिंह रावत के इसी बयान को आधार बनाते हुए आज आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए बताया है. साथ ही इसे दोनों पार्टियों की फ्रेंडली पॉलिटिक्स बताया है.