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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बोले- IIP के अनुसंधान का लोगों को मिलेगा लाभ - uttarakhand news

देहरादून में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में ईंधन संरक्षण को लेकर चल रहे सक्षम कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल शामिल हुए. सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि और ईंधन से जुड़े कई कंपोनेंट पर शोध चल रहा है. कृषि विभाग आईआईपी के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक होगा.

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सुबोध उनियाल
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Published : Jan 19, 2020, 3:51 PM IST

देहरादून: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में ईंधन संरक्षण को लेकर चल रहे सक्षम कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून द्वारा कृषि और ईंधन से जुड़े कई कंपोनेंट पर शोध चल रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड का कृषि विभाग आईआईपी के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेगा और आईआईपी में की जाने वाली शोध को प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगा.

सुबोध उनियाल से खास बातचीत.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देहरादून में मौजूद सभी केंद्रीय संस्थान देहरादून ही नहीं बल्कि हमारे राज्य उत्तराखंड के सरताज हैं. उन्होंने इन संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को साधुवाद दिया और कहा कि यह संस्थान प्रदेश में रोजगार के क्षेत्र में भी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.

ये भी पढ़े: देहरादून: अवैध हुक्का बार में खाद्य विभाग की छापेमारी, संचालकों में मचा हड़कंप

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून में जैविकी से जुड़े कई कंपोनेंट्स पर शोध चल रहा है. जिसमें वाइल्ड एप्रीकॉट से डीजल बनाना हो या फिर बायो डीजल ही नहीं बल्कि इसके अलावा तमाम तरह के शोध वाइल्ड एपिकोड को लेकर चल रहे हैं.

उत्तराखंड वाइल्ड एप्रिकॉर्ड के मामले में समृद्ध है. इससे प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में भी मजबूती मिलेगी. आईआईपी की इस पहल को राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में बढ़-चढ़कर प्रचारित प्रसारित करने का काम करेंगे. जल्द ही एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी आईआईपी देहरादून के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे और इस दिशा में रणनीति तय करेंगे.

देहरादून: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में ईंधन संरक्षण को लेकर चल रहे सक्षम कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून द्वारा कृषि और ईंधन से जुड़े कई कंपोनेंट पर शोध चल रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड का कृषि विभाग आईआईपी के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेगा और आईआईपी में की जाने वाली शोध को प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगा.

सुबोध उनियाल से खास बातचीत.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देहरादून में मौजूद सभी केंद्रीय संस्थान देहरादून ही नहीं बल्कि हमारे राज्य उत्तराखंड के सरताज हैं. उन्होंने इन संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को साधुवाद दिया और कहा कि यह संस्थान प्रदेश में रोजगार के क्षेत्र में भी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.

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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून में जैविकी से जुड़े कई कंपोनेंट्स पर शोध चल रहा है. जिसमें वाइल्ड एप्रीकॉट से डीजल बनाना हो या फिर बायो डीजल ही नहीं बल्कि इसके अलावा तमाम तरह के शोध वाइल्ड एपिकोड को लेकर चल रहे हैं.

उत्तराखंड वाइल्ड एप्रिकॉर्ड के मामले में समृद्ध है. इससे प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में भी मजबूती मिलेगी. आईआईपी की इस पहल को राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में बढ़-चढ़कर प्रचारित प्रसारित करने का काम करेंगे. जल्द ही एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी आईआईपी देहरादून के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे और इस दिशा में रणनीति तय करेंगे.

Intro:एंकर- इन दिनों देहरादून इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में ईंधन सरक्षण को लेकर चल रहे सक्षम कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून द्वारा कृषि और ईंधन से जुड़े कई कंपोनेंट पर शोध चल रहा है जिसको लेकर उत्तराखंड का कृषि विभाग आईआईपी के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेगा और आईआईपी में की जाने वाली शोध को प्रदेश में जन जन तक पहुंचाने का काम करेगा।


Body:वीओ- ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देहरादून में मौजूद सभी केंद्रीय संस्थान देहरादून ही नहीं बल्कि हमारे राज्य उत्तराखंड के सरताज हैं। साथ ही उन्होंने इन संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को साधुवाद दिया और कहा कि यह संस्थान प्रदेश में रोजगार के क्षेत्र में भी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

इसके अलावा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आईआईपी देहरादून में जैविकी से जुड़े कई कंपोनेंट्स पर शोध चल रहा है। जिसमें वाइल्ड एप्रीकॉट से डीजल बनाना हो या फिर बायोडीजल ही नहीं बल्कि इसके अलावा तमाम तरह के शोध वाइल्ड एपिकोड को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वाइल्ड एप्रिकॉर्ड के मामले में समृद्ध है। और इससे प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आईआईपी की इस पहल को वह राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में बढ़-चढ़कर प्रचारित प्रसारित करेंगे और इससे प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। जिस के संबंध में जल्द ही एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी आईआईपी देहरादून के शोधकर्ताओं के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे और इस दिशा में रणनीति तय करेंगे।

सुबोध उनियाल से खास बातचीत


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