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हार से निराश कार्यकर्ताओं का हरदा ने बढ़ाया हौसला, गणेश गोदियाल को कही ये बात

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद से नेताओं और कार्यकर्ताओं में हताशा देखी जा रही है. प्रदेश मुख्यालय में हार को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में आज पार्टी कार्यालय में हरीश रावत गणेश गोदियाल से मिलने पहुंचे. इस दौरान हरीश रावत ने गोदियाल के साथ निराश कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया.

Harish Rawat encouraged Godiyal
कार्यकर्ताओं का हरदा ने बढ़ाया हौसला
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Published : Mar 12, 2022, 6:35 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 8:07 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से जहां भाजपा में खुशी की लहर है. वहीं, कांग्रेस मुख्यालय में शीर्ष नेतृत्व से लेकर कार्यकर्ताओं तक में काफी निराशा और हताशा देखने को मिल रही है. जिसको देखते हुए पार्टी मुख्यालय में हार को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. वहीं, इस दौरान पूर्व लालकुआं विधानसभा से हार का सामना कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचे और गणेश गोदियाल सहित कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया.

उनके आने से पहले राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा भी मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान पीसीसी दफ्तर में तीनों नेताओं ने हार के कारणों को लेकर विधानसभा वार चर्चा की. इस बीच श्रीनगर विधानसभा से मात्र 587 वोटों से हारने वाले गणेश गोदियाल ने हरीश रावत को बताया कि परिणाम आते ही वह बहुत मायूस हो गए थे और मतगणना स्थल से निकल गए थे, लेकिन उन्होंने रिकाउंटिंग नहीं कराई.

कार्यकर्ताओं का हरदा ने बढ़ाया हौसला

ये भी पढ़ें: कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ली हार की जिम्मेदारी, बोले- जनता ने गंवाया मौका

इस बात पर हरीश रावत ने गोदियाल के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की. हरदा ने गोदियाल का मनोबल बढ़ाते हुए कहा आपकी तो चंद वोटों से हार हुई है, जबकि मेरे पास कोई गिनती ही नहीं है. हार को लेकर आपको निराश नहीं होना है और भविष्य के लिए मनोबल बढ़ाकर रखना है. क्योंकि आप अभी युवा हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं का भी हरदा ने हौसला बढ़ाया और निराश नहीं होने की अपील की है.

हरीश रावत ने कहा एक वरिष्ठ नेता होने के नाते मेरा यह दायित्व है कि लोगों तक पहुंचे और उनका मनोबल बनाकर रखूं. कार्यकर्ताओं का मनोबल बना हुआ है और यह अच्छी बात है. लोग कह रहे हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, यदि हार हुई है तो उसे हम बदलेंगे. हम भी अब 2024 की तैयारियां कर रहे हैं. लोकतंत्र में चुनाव की तैयारियां करते रहना पार्टियों का कर्तव्य है. हालांकि, भाजपा का प्रचार तंत्र ज्यादा मजबूत है और इस मामले में हम जरा सुस्त हैं.

वही, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भविष्य की रणनीति को लेकर कहा कि हम दोबारा पलायन और रोजगार जैसे सवालों को लेकर जनता के बीच जाएंगे. आज भी राज्य की प्रगति का सवाल बना हुआ है. क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा और ग्रीन बोनस मोदी सरकार ने छीन लिया था. ऐसे में विकास और धन की आवश्यकता हमें भी है. जबकि केंद्र की तरफ से बीते 5 सालों में किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला है.

बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव में हरीश रावत लालकुआं विधानसभा से और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल श्रीनगर विधानसभा से धन सिंह रावत से हारे हैं. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में हार को लेकर निराशा का माहौल है. जिसको लेकर हरीश रावत और प्रदीप टम्टा ने मुख्यालय में हार के कारणों को लेकर गहन मंत्रणा की है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से जहां भाजपा में खुशी की लहर है. वहीं, कांग्रेस मुख्यालय में शीर्ष नेतृत्व से लेकर कार्यकर्ताओं तक में काफी निराशा और हताशा देखने को मिल रही है. जिसको देखते हुए पार्टी मुख्यालय में हार को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. वहीं, इस दौरान पूर्व लालकुआं विधानसभा से हार का सामना कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचे और गणेश गोदियाल सहित कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया.

उनके आने से पहले राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा भी मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान पीसीसी दफ्तर में तीनों नेताओं ने हार के कारणों को लेकर विधानसभा वार चर्चा की. इस बीच श्रीनगर विधानसभा से मात्र 587 वोटों से हारने वाले गणेश गोदियाल ने हरीश रावत को बताया कि परिणाम आते ही वह बहुत मायूस हो गए थे और मतगणना स्थल से निकल गए थे, लेकिन उन्होंने रिकाउंटिंग नहीं कराई.

कार्यकर्ताओं का हरदा ने बढ़ाया हौसला

ये भी पढ़ें: कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ली हार की जिम्मेदारी, बोले- जनता ने गंवाया मौका

इस बात पर हरीश रावत ने गोदियाल के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की. हरदा ने गोदियाल का मनोबल बढ़ाते हुए कहा आपकी तो चंद वोटों से हार हुई है, जबकि मेरे पास कोई गिनती ही नहीं है. हार को लेकर आपको निराश नहीं होना है और भविष्य के लिए मनोबल बढ़ाकर रखना है. क्योंकि आप अभी युवा हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं का भी हरदा ने हौसला बढ़ाया और निराश नहीं होने की अपील की है.

हरीश रावत ने कहा एक वरिष्ठ नेता होने के नाते मेरा यह दायित्व है कि लोगों तक पहुंचे और उनका मनोबल बनाकर रखूं. कार्यकर्ताओं का मनोबल बना हुआ है और यह अच्छी बात है. लोग कह रहे हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, यदि हार हुई है तो उसे हम बदलेंगे. हम भी अब 2024 की तैयारियां कर रहे हैं. लोकतंत्र में चुनाव की तैयारियां करते रहना पार्टियों का कर्तव्य है. हालांकि, भाजपा का प्रचार तंत्र ज्यादा मजबूत है और इस मामले में हम जरा सुस्त हैं.

वही, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भविष्य की रणनीति को लेकर कहा कि हम दोबारा पलायन और रोजगार जैसे सवालों को लेकर जनता के बीच जाएंगे. आज भी राज्य की प्रगति का सवाल बना हुआ है. क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा और ग्रीन बोनस मोदी सरकार ने छीन लिया था. ऐसे में विकास और धन की आवश्यकता हमें भी है. जबकि केंद्र की तरफ से बीते 5 सालों में किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला है.

बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव में हरीश रावत लालकुआं विधानसभा से और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल श्रीनगर विधानसभा से धन सिंह रावत से हारे हैं. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में हार को लेकर निराशा का माहौल है. जिसको लेकर हरीश रावत और प्रदीप टम्टा ने मुख्यालय में हार के कारणों को लेकर गहन मंत्रणा की है.

Last Updated : Mar 12, 2022, 8:07 PM IST
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