देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभिन्न विभागों के अन्तर्गत मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की विभागवार समीक्षा अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन द्वारा की जा रही है. उनके द्वारा लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और शहरी विकास विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा की गई है.
अपर मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों से निर्धारित समय सीमा के अन्दर घोषणाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कई विभागों की विभागवार घोषणा की. इस दौरान उन्होंने विभागों में की गई घोषणा को लेकर मौजूदा स्थितियों को जाना.
लोक निर्माण विभाग: समीक्षा के दौरान बताया गया कि लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों की कुल स्वीकृत घोषणाएं 510 हैं, जबकि प्रथम चरण प्री कंस्ट्रक्शन की स्वीकृत घोषणाएं 234 है. अवशेष घोषणाओं में 12 निरस्त होने वालीं घोषणाएं हैं. वहीं 98 घोषणाओं के आगणन शासन में प्राप्त हो चुके है, जबकि 33 घोषणाओं के अवशेष आगणन प्राप्त होने हैं.
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अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि जिन 98 घोषणाओं के आगणन शासन में प्राप्त हो चुके हैं, उनका तकनीकी परीक्षण का कार्य 25 सितम्बर, 2021 तक कर लिया जाये. वित्त विभाग को प्रेषित घोषणाओं के दिनांक 15 सितम्बर 2021 तक शासनादेश निर्गत कर दिए जाए. ऐसी घोषणाएं जिनमें टेण्डर होने के उपरान्त अभी तक कार्यादेश निर्गत नहीं हुये हैं, उनके दिनांक 10 सितम्बर, 2021 तक कार्यादेश निर्गत करते हुये कार्य प्रारम्भ कराया जाए.
साथ ही जिन घोषणाओं की शासन से स्वीकृति होने के उपरान्त बजट उपलब्ध होने के पश्चात् कार्य हेतु टेण्डर होने हैं, उनके अक्टूबर, 2021 के प्रथम सप्ताह तक टेण्डर की कार्यवाही पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाए.
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ऐसी घोषणाओं जिनमें सर्वेक्षण/समरेखण का कार्य गतिमान बताया गया है, वे सितम्बर, 2021 तक पूर्ण करा ली जाए. ऐसी घोषणाओं जिनमें द्वितीय चरण की डीपीआर गठन की कार्यवाही गतिमान बतायी गयी है, उनका डीपीआर के गठन का काम 20 सितम्बर, 2021 तक पूर्ण करा लिया जाए.
सिंचाई विभाग: समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभाग के अन्तर्गत कुल 223 घोषणाओं में 133 के शासनादेश निर्गत किये जा चुके है, जबकि 90 का कार्य गतिमान है. इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने निर्देश दिये कि विभाग द्वारा इंगित नाबार्ड के अन्तर्गत वित्त पोषित घोषणाओं के शासनादेश सितम्बर, 2021 तक निर्गत कर दिए जाए.
विभाग द्वारा इंगित 50 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति वाली घोषणाओं को नवम्बर, 2021 तक पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए. विभाग द्वारा इंगित 25 प्रतिशत से अधिक और 50 प्रतिशत से कम भौतिक प्रगति वाली घोषणाओं को मार्च, 2022 से पूर्व पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए. विभाग द्वारा इंगित अवशेष घोषणाओं की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति के शासनादेश सितम्बर, 2021 के अन्त तक निर्गत किये जाये.
उन्होंने निर्देश दिये कि एक करोड़ रुपए की ऐसी योजनाएं जिनके बजट की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और अन्य स्रोतों से भी वित्तीय-पोषण नहीं हो पा रहा है, उनका प्रस्ताव नियमानुसार मुख्यमंत्री घोषणा सेल को प्रेषित किया जाए.
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में बाढ़/आपदा प्रभावित क्षेत्र हेतु सिंचाई विभाग द्वारा अविलम्ब कार्ययोजना तैयार कर समक्ष स्तर पर उसका प्रभावी प्रस्तुतिकरण एवं अनुश्रवण करते हुए 15 दिन के अन्दर कार्ययोजना की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति सुनिश्चित की जाएं.
उन्होंने कहा कि टिहरी के कोटी में घाट का निर्माण किया जायेग सम्बन्धी घोषणा का पुनः स्थलीय निरीक्षण किया जाए. विधायक टिहरी से आवश्यक समन्वय स्थापित करते हुये घोषणा के क्रियान्वयन हेतु प्रयास किये जाएं. भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में जल निकासी के लिये अविलम्व प्रस्ताव तैयार किये जाने के निर्देश भी उन्होंने दिये हैं.
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शहरी विकास विभाग: समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभाग के अन्तर्गत कुल 200 घोषणाएं हुई हैं. इनमें से 138 घोषणाओं में शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं. जबकि 62 घोषणाओं में कार्रवाई गतिमान है. उक्त 62 घोषणाओं में से 15 घोषणाओं के प्रस्ताव शासन में प्राप्त हो चुके हैं. उक्त 15 घोषणाओं में मुख्यमंत्री कार्यालय को सन्दर्भित 06 घोषणाओं के शासनादेश 01 सप्ताह के भीतर निर्गत किये जाए.
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रदेश में विभिन्न नगर पालिकाओं के गठन एवं विस्तारीकरण इत्यादि से सम्बन्धित घोषणा पर शहरी विकास विभाग के स्तर पर समयबद्ध रूप से प्रस्ताव तैयार किये जाए. इस प्रकार के प्रकरणों पर यथाशीघ्र सक्षम स्तर पर निर्णय प्राप्त कर निस्तारण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने निर्देश दिये कि शासन स्तर पर गतिमान घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्रवाई 3 माह में पूर्ण कर ली जाए. नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित विभिन्न नाली निर्माण से सम्बन्धित बड़ी लागत की परियोजनाओं हेतु शहरी विकास विभाग द्वारा सिंचाई विभाग को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए यथाशीघ्र घोषणाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग को आवंटित ऐसी घोषणाएं जो अन्य विभागों को स्थानान्तरित की जानी हैं. उन्हें तीन दिन के भीतर स्थानान्तरित करने का काम किया जाए. ऋषिकेश क्षेत्रान्तर्गत खाण्ड गांव को नगरपालिका क्षेत्र में सम्मिलित किये जाने पर सहमति प्रदान की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृष्णानगर वन क्षेत्र में बसा हुआ है और यह राजस्व ग्राम नहीं है. इसीलिए इस क्षेत्र को नियमानुसार नगरपालिका में शामिल किया या नहीं है, इसकी वस्तुस्थिति से एक हफ्ते के अंदर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए.