देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का डीएफओ लैंसडाउन के खिलाफ एक्शन लेना उन पर ही भारी पड़ता दिख रहा है. दरअसल, इस प्रकरण के बाद स्थानीय विधायक दलीप रावत ने वन विभाग में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, इसके बाद अब शासन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
उत्तराखंड में लैंसडौन वन प्रभाग और कालागढ़ टाइगर वन क्षेत्र में कैंपा के तहत किए गए कार्यों को लेकर शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच में मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपा से 15 जनवरी तक विभिन्न बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट शासन को देने के भी निर्देश दिए गए हैं.
पढ़ें-BJP MLA दलीप रावत की चेतावनी, लैंसडाउन से टिकट को लेकर बोले- दलबदल की राजनीति में सब संभव
बता दें वन मंत्री हरक सिंह रावत ने हाल ही में डीएफओ लैंसडाउन पर अवैध खनन के आरोप लगाते हुए उन्हें वन मुख्यालय अटैच किया था. साथ ही इस मामले में गंभीर आरोप भी लगाए थे. उधर इसके बाद स्थानीय भाजपा विधायक दलीप रावत ने वन विभाग में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को तमाम निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार होने की शिकायत करते हुए जांच के लिए कहा था.
पढ़ें- लैंसडाउन से चुनाव लड़ेंगी हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति, बोली- किसी भी पार्टी से नहीं गुरेज
ऐसे में अब इस शिकायत पर एक्शन लेते हुए शासन ने 2021 और 22 में हुए कार्यों के लिए जांच के आदेश दे दिए है. मामले में 15 जनवरी तक जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. इसमें निर्माण कार्यों के लिए ली गई अनुमति से लेकर कुल खर्च धनराशि का विवरण देने के साथ ही तमाम दूसरे अनुमतियों की जानकारी मांगी गई है.
पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर गिरी गाज, सभी पदों से हटाया गया
जाहिर है कि कैंपा के तहत हुए कार्यों में दूसरे समय में भी अनियमितताओं की बात सामने आती रही है. ऐसे में यदि इसकी जांच होती है तो कई बड़े तथ्य निकलकर सामने आ सकते हैं. माना जा रहा है कि इस जांच आदेश के जरिए मंत्री हरक सिंह रावत और विभाग के कुछ बड़े अधिकारियों पर शिकंजा कस सकता है.