देहरादून: साल 2019 में त्रिवेंद्र सरकार ने ऐसे कई कामों को अपने खाते में जोड़ा है. जिनके नाम पर राज्य सरकार खुद की पीठ भी थपथपाती दिखाई दे रही है. इनमें कुछ बड़े फैसले हैं तो कुछ ऐसे विवादित निर्णय जो उत्तराखंड में खासे चर्चाओं में रहे. खास बात ये है कि राज्य सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स में कुछ न कुछ नया करने की कोशिश की. हालांकि त्रिवेंद्र सरकार के कामों का कितना फायदा लोगों तक पहुंचा, इसका आंकलन होना बाकी है, क्योंकि सत्ता दल सरकार के कामों का बखान करते हुए नहीं थक रही है.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स की माने तो त्रिवेंद्र सरकार ने ऐसे कई काम किए हैं. जिनको विस्तृत रूप से बताना मुमकिन नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि प्रदेश की जनता को 2019 में सरकार द्वारा किए गए कामों का बेहद ज्यादा लाभ मिल रहा है.
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साल 2019 में त्रिवेंद्र सरकार के फैसले
- त्रिवेंद्र सरकार ने इस साल एक बड़ा हिमालयन कॉन्क्लेव किया, जिसमें प्रदेश ने हिमालयन राज्यों का प्रतिनिधित्व किया. इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहुंचकर हिमालयी राज्यों के वित्तीय स्थितियों पर चर्चा की.
- सालों से लटके प्रतापनगर के डोबरा-चांठी पुल के लिए बजट की व्यवस्था कर पुल के निर्माण की दिशा में त्रिवेंद्र सरकार का अहम कदम.
- जीरो टॉलरेंस का नारा देने वाली त्रिवेंद्र सरकार इस साल करीब 15 अधिकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में भिजवा चुकी है जेल.
- त्रिवेंद्र सरकार ने इसी साल एनआईटी सुमाड़ी के स्थायी कैंपस पर अंतिम निर्णय लेकर केंद्र से समन्वय कर श्रीनगर के सुमाड़ी में ही स्थायी कैंपस स्थापित करवाने में कामयाबी हासिल की.
- त्रिवेंद्र सरकार को इस साल बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट से किया गया सम्मानित.
- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान में त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहतर काम के बाद उधम सिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया.
- उत्तराखंड को इस साल भी कृषि कर्मण पुरस्कार से किया गया सम्मानित.
- त्रिवेंद्र सरकार ने ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर और साइंस सिटी स्थापित करने की दिशा में उठाया महत्वपूर्ण कदम.
- हरिद्वार में इंडस्ट्रियल समिट के जरिए उद्योगपतियों को आकर्षित करने की भी 2019 में रही कोशिश.
- जमरानी बांध के लिए 2540 करोड़ केंद्र से लेने में त्रिवेंद्र सरकार को मिली सफलता.
- स्मार्ट सिटी के लिए करीब 1400 करोड़ और टिहरी झील के सौंदर्यीकरण के के लिए 1200 करोड़ रुपए हासिल करने में भी त्रिवेंद्र सरकार को इसी साल मिली कामयाबी.
- देहरादून में कोस्ट गार्ड का भर्ती सेंटर किया गया स्थापित.
- स्वच्छ भारत अभियान में देहरादून की रैंकिंग में हुआ सुधार.
- पॉलिथीन मुक्त उत्तराखंड को लेकर भी त्रिवेंद्र सरकार ने उठाएं गंभीर कदम.
- उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने पहली बार फ्लोटिंग पैनल स्थापित करने का लिया निर्णय.
- सरकारी भवनों पर सौलर पैनल लगाने का भी इसी साल लिया गया निर्णय.
- प्रदेश का पहला वेंडिंग जोन देहरादून में किया गया स्थापित. प्रदेशभर में वेंडिंग जोन बनाने का भी लिया गया निर्णय.
- राज्य का पहला ओपन जिम भी इसी साल शुरू किया गया.
- पंचायत चुनाव में 2 बच्चों तक को ही चुनाव लड़ने की बाध्यता और दसवीं पास होली की अनिवार्यता का भी त्रिवेंद्र सरकार ने इसी साल लिया निर्णय.
- अटल आयुष्मान योजना की पौड़ी से की विधिवत शुरुआत.
- इन्वेस्टर्स समिट के बाद इस साल 16799 करोड़ रुपए के एमओयू को धरातल पर उतारने में मिली सफलता.
- पहली बार राज्य में ई-मंत्रिमंडल किये जाने का हुआ निर्णय.
- इस साल चार धाम समेत 51 मंदिरों के लिए चार धाम देवस्थानम प्रबंधन की भी व्यवस्था को लेकर विधेयक पारित.
राज्य सरकार ने 2019 में विभिन्न विभागों में अलग-अलग निर्णय लिए और कुछ पर विधानसभा में विधायक भी पास करवाए, लेकिन इस साल भी ऐसे कई मामलों को सरकार पूरा नहीं करवा पाई. जो चुनाव के दौरान भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल थे. इसमें खासतौर पर लोकायुक्त का गठन और प्रदेश में विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर भर्ती का मामला शामिल है.
त्रिवेंद्र सरकार ने 2019 में खासतौर पर इन्वेस्टर्स और रोजगार से जुड़े मामलों पर फोकस रखा हालांकि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी त्रिवेंद्र सरकार ने इस साल कुछ निर्णय लिए हैं. जरूरत उत्तराखंड की आर्थिकी को सुधारने की है, जिस पर अभी कोई ठोस काम नहीं हो पाया है.