देहरादूनः थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत फ्रेंड्स एनक्लेव डिफेंस कॉलोनी में पत्नी की हत्या कर फरार चल रहे आरोपी को थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने फ्रेंड्स कॉलोनी के गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है. पुलिस के मुताबिक, घटना के दौरान आरोपी ने काफी मात्रा में शराब पी रखी थी.
ये है पूरा मामलाः 29 जनवरी को थाना नेहरू कालोनी को सूचना मिली कि फ्रेंड्स एनक्लेव डिफेंस कॉलोनी में आत्महत्या करने का प्रयास किया गया है. घटना की गंभीरता को देखकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फील्ड यूनिट को बुलाकर बारीकी से निरीक्षण किया. पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल पर एक महिला बिस्तर पर मृत पड़ी थी, जिसका गला रेता गया था. पास में ही एक चाकू व आयरन केबल पड़ी थी. मृतक महिला के पास ही एक 11 महीने का बच्चा और 6 साल की बच्ची सहमे हुए कोने में खड़े थे.
पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए बताया था कि महिला की गला रेतकर हत्या की गई है. पुलिस को आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि महिला का नाम श्वेता श्रीवास्तव है, जो अपने पति सौरभ श्रीवास्तव और दो बच्चों के साथ पिछले कुछ समय से यहां किराये के मकान में रह रही थी. घटना के बाद से ही मृतका का पति सौरभ अपनी स्कूटी लेकर फरार था.
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मिला सबूतः पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला का गला रेतकर हत्या किया जाने का खुलासा हुआ. इसके बाद मृतका के पिता अजय कुमार श्रीवास्तव निवासी कुशीनगर यूपी ने अपने दामाद सौरभ श्रीवास्तव के खिलाफ बेटी की हत्या करने के संबंध में थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज कराया था.
पत्नी की डिमांड पूरी करने में चढ़ा कर्जाः पुलिस पूछताछ में सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि वह मूलरूप से जिला कुशीनगर यूपी का रहने वाला है और करीब 12-13 साल से देहरादून में ही रहकर नौकरी कर रहा है. उसकी शादी श्वेता श्रीवास्तव से जून 2014 में हुई थी. शादी के 6 महीने के बाद से ही पत्नी के साथ देहरादून में रह रहा था.
सौरभ ने बताया कि वह CSD कैंटीन में मार्केटिंग का काम करता था, जिससे अच्छी खासी इनकम हो जाती थी जिससे उसकी पत्नी श्वेता को ऐश्वर्य भरा जीवन जीने की आदत हो गई थी. पत्नी आमदनी से ज्यादा की मांग करती रहती थी और वो अपनी पत्नी की ऐसी मांग को पूरा करने में कर्जे में डूब गया था.
3 महीने से था बेरोजगारः इस बीच सौरभ की तीन महीने पहले नौकरी छूट गई और वो बड़ी आर्थिक तंगी में आ गया था. इसी कारण तीन महीने से कमरे का किराया भी नहीं दे पा रहा था. वहीं, उसकी छोटी बहन की शादी 10 फरवरी को होनी थी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी भी सौरभ पर ही थी. आरोपी ने अपनी बहन की शादी के लिए किसी शख्स से 5 लाख रुपये ब्याज पर लेने की बात कर रखी थी. लेकिन वह टाल मटोल कर रहा था.
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पत्नी की जिद से शुरू हुई लड़ाईः सौरभ ने पूछताछ में बताया कि जब उसने पत्नी श्वेता को बहन की शादी में चलने के लिए कहा तो श्वेता ने रानीहार (नेकलेस) दिलाने की जिद की. काफी समझाने पर भी वह नहीं मानी. सौरभ ने बताया कि घटना के दिन गुस्से में श्वेता घर के कपड़े इधर-उधर फेंकने लगी. सौरभ ने रोकने की कोशिश की तो उसने हाथ उठा दिया. इस दौरान उनका बेटा दूसरे कमरे में सो रहा था और बेटी पड़ोस के बच्चों के साथ बाहर रोड पर खेल रही थी.
पहले बेल्ट से गला दबाया फिर फिर चाकू से रेताः श्वेता के हाथ उठाने से सौरभ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. सौरभ ने पत्नी श्वेता को बेडरूम में पटका, फिर दोनों हाथों से उसका गला दबाया. इस दौरान उसके मुंह से झाग निकलने लगा, उसके होंठ नीले पड़ गए और वह तड़पने लगी.
सौरभ को लगा कि वो अभी जिंदा है, फिर सौरभ ने आलमारी से बच्चे की बेल्ट निकाली और श्वेता का गला दबाया, लेकिन बेल्ट टूट गई. फिर आरोपी ने कपड़े की प्रेस की तार से पत्नी श्वेता गला दबाया, तब भी वह तड़प रही थी. इसके बाद सौरभ किचन से सब्जी काटने का चाकू लाया और श्वेता का गला रेत दिया. तभी उसकी बेटी आ गई और ये सब देखकर रोने लगी.
बेटी को भी मारने का प्रयासः सौरभ ने बेटी को समझाया और स्कूटर दिलाने का लालच दिया. लेकिन वो नहीं मानी और बाहर की तरफ भागकर चिल्लाने लगी. इसके बाद सौरभ ने बच्ची का मुंह व गला दबाया जिससे वो बेहोश हो गई. उसके बाद आरोपी ने अपने 11 महीने के बेटे को उसकी मां के बगल में लिटा दिया. सौरभ को जब यकीन हो गया कि श्वेता मर चुकी है, तो वह स्कूटी लेकर वहां से भाग गया. श्वेता का गला दबाते समय उसने सौरभ के चेहरे पर अपने नाखूनों से खरोंच भी मारे थे.
श्वेता ने मां को बताई थी पीटने की बात: श्वेता ने आखिरी बात जब अपनी मां से बात की थी तो उसने बताया था कि सौरभ उससे लगातार मारपीट कर रहा है. इस बात पर श्वेता की मां ने उसको समझाया और शांत होने को कहा था. ये भी कहा था कि दोनों को आपस में बैठकर झगड़ा सुलझना चाहिए. लेकिन अगले दिन ही खबर आई कि श्वेता इस दुनिया में नहीं रही.