देहरादूनः पुलिस ने आजमगढ़ से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी आरोपी को मालसी डियर पार्क स्थित फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया है. मौके पर आरोपी के पास से 315 बोर का देसी तमंचा, दो जिंदा कारतूस समेत कई सामान मिले हैं. जबकि, आरोपी जनता दल पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता और सपा का प्रदेश महासचिव भी रह चुका है.
दरअसल बीते 2 जनवरी को सावित्री सिंह ने सुनील मल्होत्रा और अन्य लोगों के खिलाफ राजपुर थाने में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से धोखे से फ्लैट बेचने के आरोप में तहरीर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की. जांच में पता चला कि मनोज सिंह ठाकुर ने सुनील मल्होत्रा के साथ आपस में सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और मालसी स्थित फ्लैट को सुनील मल्होत्रा को बेचकर करीब 98 लाख रुपये ऐंठ लिए.
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उधर, पुलिस ने मनोज ठाकुर की तलाश शुरू की. जिसमें पता चला कि मनोज आजमगढ़ का रहने वाला है और वर्तमान में मुंबई में रह रहा है. जिसके बाद देहरादून पुलिस ने मुंबई पुलिस से संपर्क साधा. जिसमें पता चला कि मनोज ठाकुर आजमगढ़ से मुंबई पुलिस की हिरासत से फरार हो गया है. जिसके खिलाफ मुंबई और आजमगढ़ में संगीन धाराओं में 22 मुकदमा पंजीकृत हैं.
इसी कड़ी में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी मनोज सिंह ठाकुर को मालसी डियर पार्क के पास से गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो 11 फरवरी को पेशी से लौटते समय आजमगढ़ पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. वहीं, पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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पुलिस की मानें तो आरोपी साल 2008 से 2012 तक महाराष्ट्र में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का प्रदेश प्रवक्ता भी रह चुका है. उसके बाद 2012 से 2014 तक महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी का प्रदेश महासचिव और उसके बाद विलासराव देशमुख के समय पर महाराष्ट्र में समन्वय समिति का सदस्य भी रहा है.
समाजवादी पार्टी से जुड़ने के कारण साल 2016 में आजमगढ़ के मार्टिनगंज क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुख चुना गया, लेकिन 2018 में अविश्वास प्रस्ताव आने पर पद से हटा दिया गया था. आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ व वाराणसी में रेलवे में नौकरी दिलाने और महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास दिलाने के संबंध में धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं.
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आरोपी ने इस तरह से दिया पुलिस को चकमा
एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपी को मुंबई पुलिस ने बीते 26 सितंबर 2019 को ठाणे से गिरफ्तार किया था. जिसे 10 फरवरी को मुंबई पुलिस वाराणसी में पंजीकृत धोखाधड़ी के आरोप में वाराणसी कोर्ट में पेशी के लिए लाई थी. वाराणसी कोर्ट में पेशी के बाद अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर मुंबई पुलिस को अपने साथ आजमगढ़ चलने के लिए राजी किया. वहीं, आजमगढ़ पहुंचने के बाद किसी तरह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.