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मिशन 2022: AAP ने सरकार को बेरोजगारी पर घेरा, जुगरान बोले- युवाओं से हो रहा छलावा - नेता रविंद्र जुगरान

आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है. आप नेता रविंद्र जुगरान का कहना है कि डबल इंजन की सरकार रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

Assembly Election 2022
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Published : Aug 6, 2021, 7:09 PM IST

देहरादून: आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटी है और राज्य की भाजपा सरकार को तमाम मुद्दों पर घेर रही है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है. आप का कहना है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नाम पर छलने का काम किया है.

आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. बीते साढ़े 4 सालों में बीजेपी ने सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने के सिवाय और कुछ नहीं किया. राज्य का युवा बेरोजगार सड़कों पर भटक रहा है.

AAP ने राज्य सरकार को बेरोजगारी पर घेरा.

उन्होंने कहा कि साल 2017 के चुनावों में रोजगार का वादा देकर भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई और 6 माह के भीतर सभी रिक्त पदों को भरने का आश्वासन दिया लेकिन बीते साढ़े 4 सालों में दोनों मुख्यमंत्रियों ने युवाओं को रोजगार के नाम पर छला. इसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी युवाओं को रोजगार के नाम पर बरगला रहे हैं.

आप के नेता रविंद्र जुगरान ने बाकायदा आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पद खाली हैं, जबकि रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या आठ लाख से ज्यादा हो चुकी है. उसके बावजूद इन पदों को भरने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

पढ़ें- #KhelRatnaDhyanChand:'गांधी-नेहरू का नाम कहां-कहां से मिटाएगी BJP', हरदा ने मांगा भारत रत्न

इसी तरह सीएमआईआई यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट बताती है कि 5 सालों में उत्तराखंड में बेरोजगारी 6 गुना बढ़ी है. 2016-17 में ये दर 1.61 प्रतिशत हुआ करती थी जो अब 10.99 प्रतिशत पहुंच गई. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही यह दर प्रत्येक साल बढ़ती रहेगी.

इसी तरह 2018 में शुरू हुई फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा 3 साल बाद ही पूरी नहीं हो पाई है. 1,218 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार ने पर भाजपा सरकार के सुशासन और जीरो टॉलरेंस के वादों की पोल खोली. 2621 पदों पर नर्सिंग भर्ती की परीक्षा भी तीन बार स्थगित हो चुकी है. यह परीक्षा कब आयोजित होगी इसको लेकर सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. जुगरान ने कहा कि बीते 4 साल से प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा नहीं हुई. ऐसे में कई युवा परीक्षा की तैयारी करते हुए ओवर एज हो रहे हैं और अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है.

देहरादून: आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटी है और राज्य की भाजपा सरकार को तमाम मुद्दों पर घेर रही है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है. आप का कहना है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नाम पर छलने का काम किया है.

आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. बीते साढ़े 4 सालों में बीजेपी ने सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने के सिवाय और कुछ नहीं किया. राज्य का युवा बेरोजगार सड़कों पर भटक रहा है.

AAP ने राज्य सरकार को बेरोजगारी पर घेरा.

उन्होंने कहा कि साल 2017 के चुनावों में रोजगार का वादा देकर भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई और 6 माह के भीतर सभी रिक्त पदों को भरने का आश्वासन दिया लेकिन बीते साढ़े 4 सालों में दोनों मुख्यमंत्रियों ने युवाओं को रोजगार के नाम पर छला. इसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी युवाओं को रोजगार के नाम पर बरगला रहे हैं.

आप के नेता रविंद्र जुगरान ने बाकायदा आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पद खाली हैं, जबकि रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या आठ लाख से ज्यादा हो चुकी है. उसके बावजूद इन पदों को भरने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

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इसी तरह सीएमआईआई यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट बताती है कि 5 सालों में उत्तराखंड में बेरोजगारी 6 गुना बढ़ी है. 2016-17 में ये दर 1.61 प्रतिशत हुआ करती थी जो अब 10.99 प्रतिशत पहुंच गई. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही यह दर प्रत्येक साल बढ़ती रहेगी.

इसी तरह 2018 में शुरू हुई फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा 3 साल बाद ही पूरी नहीं हो पाई है. 1,218 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार ने पर भाजपा सरकार के सुशासन और जीरो टॉलरेंस के वादों की पोल खोली. 2621 पदों पर नर्सिंग भर्ती की परीक्षा भी तीन बार स्थगित हो चुकी है. यह परीक्षा कब आयोजित होगी इसको लेकर सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. जुगरान ने कहा कि बीते 4 साल से प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा नहीं हुई. ऐसे में कई युवा परीक्षा की तैयारी करते हुए ओवर एज हो रहे हैं और अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है.

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