देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के लिए पर्यटन आर्थिकी का एक अहम जरिया है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार नए पर्यटक स्थल विकसित करने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई संभावनाएं तलाशने में जुटी हुई है.
बता दें कि एक तरफ प्रदेश सरकार प्रदेश में आध्यात्मिक सर्किट तैयार कर आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों में जुटी हुई है तो वहीं, दूसरी तरफ मेडिकल टूरिज्म यानी चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास में जुटी हुई है.
क्या है मेडिकल टूरिज्म या चिकित्सा पर्यटन?
मेडिकल टूरिज्म या चिकित्सा पर्यटन विश्व स्तर पर पर्यटन की एक नई और सबसे अधिक विकसित होती शाखा है. दरअसल जब लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के निस्तारण के लिए अपने देश से बाहर किसी अन्य देश की यात्रा करते हैं तो यह चिकित्सा पर्यटन या मेडिकल टूरिज्म कहलाता है.
चिकित्सा पर्यटन की अपार संभावनाएं
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत से बताया कि उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी इलाकों में जड़ी बूटियों का अंबार है. जिसकी वजह से प्रदेश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं नजर आती हैं. ऐसे में जल्द ही चिकित्सा पर्यटन को लेकर एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बौद्ध लामाओं के साथ ही वेद और एम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया जाएगा.
जिसमें प्रदेश में चिकित्सा पर्यटन की संभावनाओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा. गौरतलब है कि प्रदेश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिलने से ना सिर्फ यहां के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकेंगे, बल्कि दूसरी तरफ प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी.