देहरादून: किसी भी विद्यालय या शैक्षणिक संस्थान में शैक्षिक सहित प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों के सफल संचालन के लिए प्रधानाचार्य के रूप में एक टीम लीडर की आवश्यकता होती है. लेकिन उत्तराखंड के राजकीय इंटर कॉलेजों में वर्तमान में 1386 पदों के सापेक्ष अभी 958 पद खाली चल रहे हैं. इसका मतलब है कि अभी भी 958 स्कूल नेतृत्वविहीन चल रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग की मानें तो इन पदों को भरने के लिए अभी भी कोई प्रधानाध्यापक अर्हकारी सेवा या शिथिलीकरण के लिए अर्हकारी सेवा पूर्ण नहीं करता है. इसलिए अब शिक्षा विभाग कुछ शर्तों के साथ प्रधानाचार्यों की आपूर्ति को पूरा करने के लिए चार शर्तों पर प्रधानाध्यापकों को कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पदों पर तैनात करने जा रहा है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की तरफ से सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में वर्तमान में 958 प्रधानाचार्यों के पद खाली चल रहे हैं. जिससे की उन विद्यालय में टीम लीडर के आभाव में शैक्षणिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं. इसलिए स्कूलों की शैक्षणिक गतिविधियों के स्तर को सुधारने और छात्र हितों को देखते हुए राजकीय इंटर कॉलेज सहित बालिका इंटर कॉलेज में प्रधानाध्यापकों को कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में तैनात किया जाएगा, क्योंकि विद्यालयों में तभी शैक्षणिक सहित प्रशासनिक और अन्य गतिविधियां विधिवत संचालित हो सकती हैं.
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वहीं, इन तैनाती के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से चार शर्तें रखी गई हैं. इन शर्तों के अनुसार जो भी प्रधानआध्यापक या प्रधानाध्यापिका को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया जाएगा. उनसे नोटरी शपथ-पत्र भरवाया जाएगा कि वह भविष्य में प्रधानाचार्य के वेतन भत्ते की मांग भविष्य में नहीं करेंगे. आरके कुंवर ने कहा कि जो इस नोटरी को प्रेषित करेगा. उसे ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया जाएगा. इसके साथ ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य की तैनाती वर्तमान तैनाती विद्यालय के समीप ही की जाएगी. इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने वाले प्रधानाध्यापक पर पिछले 5 वर्षों में कोई प्रतिकूल प्रविष्टि न हो.