देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार सुबह से ही जोरदार बारिश हो रही है. बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. पहाड़ से लेकर मैदान नदी-नाले उफान पर हैं. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक बीते 24 घंटों के अंदर देहरादून जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. देहरादून में सामान्य 22.2 की तुलना में 91.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई.
देहरादून के अलावा बागेश्वर और चमोली जिले में भी अच्छी खासी-बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग के मुताबिक 24 घंटों के अंदर देहरादून में सबसे ज्यादा 91.1 एमएम बारिश दर्ज की गई है. देहरादून में सामान्य बारिश 22.2 एमएम रहती है. वहीं बागेश्वर में सामान्य बारिश 11.6 एमएम दर्ज की जाती है, लेकिन यहां बीते 24 घंटे में 72.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. वहीं चमोली की बात करें तो यहां सामान्य बारिश 8.8 एमएम होती है, लेकिन बुधवार को 42.4 एमएम दर्ज की गई है.
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वहीं पूरे प्रदेश की बात करें बीते 24 घंटों में उत्तराखंड के अंदर 34.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो की सामान्य से 15.7 मिलीमीटर यानी 121 प्रतिशत अधिक है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निर्देशक विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है. अगले 3 दिनों यानी 29, 30 और 31 जुलाई को भी प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी और मैदानी जनपदों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की जा सकती है.
मौसम विभाग ने अगले तीन दिन देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में कई-कई पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है. बाकी के जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है. ऐसे में लोगों को घरों से ज्यादा बाहर निकलने से बचना चाहिए.
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रुद्रप्रयाग में भी मूसलाधार बारिश: रुद्रप्रयाग की केदारघाटी समेत अधिकांश इलाकों में मंगलवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश ने कारण यहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है. मंदाकिनी और उसकी सहायक नदियां उफान पर है. मूसलाधार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूधंसाव होने से काश्तकारों के खेत-खलिहानों के साथ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि कई मकाने खतरे की जद में आ गयी हैं.
मोटरमार्ग कीचड़ में तब्दील: रुद्रप्रयाग जिले में अधिकांश मोटरमार्ग कीचड़ में तब्दील हो गए है. ऐसे में राहगीरों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. जबकि ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से भेड़ पालकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
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हनुमान मंदिर भी खतरे की जंद में: कुंड-चोपता मोटरमार्ग पर स्वास्थ्य केन्द्र के निकट लगातार भू-धंसाव होने से दिनेश चन्द्र सेमवाल की दुकान में मलबा घुस गया है. हनुमान मन्दिर सहित निर्माणाधीन मकान खतरे की जद में आ गये हैं.