देहरादून: एक तरफ जिला प्रशासन कोरोना जैसी महामारी से लड़ने का काम कर रहा है. वहीं लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए उनके राज्य और जनपद में भेजने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज में बनाए गए कैंप में रहने की व्यवस्था की गई है, जहां से 900 चादरें गायब मिली हैं. जिला प्रशासन ने इस तरह की समस्या खड़ी कर रहे लोगों से अपील की है कि वो यहां आने वाले अन्य लोगों का भी ध्यान रखें और ऐसा न करें. फिलहाल प्रशासन ने दो से तीन दिन में इस व्यवस्था को सही करने की बात कही है.
दरअसल, महाराणा प्रताप स्टेडियम को कोविड-19 का ट्रांजिट कैंप बनाया गया है. कई बार प्रवासियों के देरी से आने या फिर बसों के देरी और दूसरे राज्य से अनुमति नहीं मिलने के कारण प्रवासियों को स्टेडियम के अंदर बने कैंप में रोका जाता है. कुछ दिन में ही ट्रांजिट कैंप से करीब 900 चादरें गायब हो गईं. रोजाना स्टेडियम से सैकड़ों लोगों को बसों द्वारा भेजा जा रहा है जिस कारण अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी.
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जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जो भी लोग क्वारंटाइन में हैं उनकी समस्या के दो पहलू हैं, जिसमें अगर किसी की सही समस्या है तो उसे सही करने की कोशिश की जा रही है लेकिन कुछ लोग गलत वीडियो बनाकर अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं. यह सभी समस्याएं दो-तीन में सही हो जाएंगी. वहीं, महाराणा प्रताप स्टेडियम से चादरें चोरी होने के मामले पर जांच करने की कोशिश कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति यहां से सही होकर जाता है तो उसके बाद और भी लोग आएंगे, उनकी सुविधा का भी ध्यान रखना है. अगर इस तरीके से चादर चोरी करता हुआ कोई पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.