देहरादून: जनवरी, साल 2018 में सहायक अध्यापक एलटी की लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसकी ओएमआर शीट की स्कैनिंग करने पर उधम सिंह नगर में लगभग 21 अभ्यर्थियों से पैसा लेकर नकल करवाने की बात सामने आई थी. वहीं, अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन पत्र भरते समय ई-मेल के कॉलम में एक ही मेल आईडी का प्रयोग किए जाने का मामला भी सामने आया था. इसी कड़ी में एसआईटी की टीम ने अध्यापक सहित अलग-अलग जगहों से नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, कुछ आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है.
जानकारी के मुताबिक, एलटी लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, उसमें सभी परीक्षा केंद्रों का जनपद उधम सिंह नगर को बनाया गया था, जिसके बाद 21 जुलाई साल 2019 को थाना रायपुर से जनपद उधम सिंह नगर में मुकदमा ट्रांसफर कर दिया गया था. वहीं, पुलिस मुख्यालय द्वारा 23 सितंबर 2019 को मामले में एसआईटी का गठन कर जांच बैठाई गई थी. जांच के दौरान उधम सिंह नगर में परीक्षा में नकल करवाने के नाम पर दो से ढाई लाख रुपए लिए जाने की बात सामने आई थी. वहीं, परीक्षा होने से पहले पांच से दस हजार रुपए लिए गए थे और बाकी के पैसे परीक्षा पास होने के बाद लिए जाने थे.
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एसआईटी की पड़ताल में अभ्यर्थियों के बैंक अकाउंट के लिंक लेने पर पता चला कि एक सुरेश नाम का अभ्यर्थी जो कि काशीपुर मुरादाबाद के नाम पर रजिस्टर्ड था. आरोपी सुरेश जूनियर हाई स्कूल में अध्यापक पद पर तैनात है. टीम ने दबिश देकर सुरेश को गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि इस गैंग का मुख्य आरोपी देवेंद्र जो कि अमरोहा में फायरमैन के पद पर नियुक्त है, उसी के द्वारा ये पूरी योजना बनाई गई थी. ऐसे में एसआईटी ने आरोपी सुरेश की निशानदेही पर गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिनके नाम अवतार सिंह, सर्वेश कुमार, अनिल कुमार, अंचल कुमार, सोनू सिंह, धर्मेंद्र और अंकित है. ये आरोपी काशीपुर सहित अन्य जनपदों से गिरफ्तार किए गए हैं.
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वहीं, डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी देवेंद्र अभ्यर्थियों के परीक्षा फॉर्म भरने का काम करता था. वहीं, मुरादाबाद का रहने वाला सर्वेश पेशे से अध्यापक है. ये दोनों फर्जी तरीके से अभ्यार्थियों के दस्तावेज तैयार करने का काम करते हैं. उधर, पेशे से अध्यापक सुरेश चौहान परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बनकर बैठता था. जांच में ये बात भी सामने आई कि अवतार सिंह हल्द्वानी जेल में बंदी आरक्षी के पद पर तैनात था. अनिल कुमार की ऑटो पार्ट्स की खुद की दुकान है. अभी इस मामले में अंचल, सोनू, धर्मेंद्र और अंकित को भी गिरफ्तार किया गया है और विजय वीर, मीनाराम, रिंकू और मोहम्मद जावेदुल्लाह फरार चल रहे हैं.