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RTI से सामने आया कर्मकार कल्याण बोर्ड में 80 करोड़ का घोटाला, आयोग ने दिए जांच के आदेश

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Published : Mar 5, 2021, 1:56 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 2:02 PM IST

उत्तराखंड भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में ई-वे बिल की खरीदी पर करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है.

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विकासनगर: उत्तराखंड भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में ई-वे बिल की खरीदी पर करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है. इसका खुलासा आईटीआई के तहत सामने आया है. मामले में सूचना आयोग ने बोर्ड के सचिव को जांच के आदेश दे दिए हैं.

RTI से सामने आया कर्मकार कल्याण बोर्ड में 80 करोड़ का घोटाला.

जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने बोर्ड द्वारा की गई करोड़ों रुपये की खरीद से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. बोर्ड ने उन्हें खरीदे गए सामान के बिल उपलब्ध कराए. लेकिन खरीदे गए सामान साइकिल टूल किट, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन वेल्डिंग मशीन आदि किस बोर्ड के पास पहुंचा है, इससे संबंधित कोई दस्तावेज विभाग उपलब्ध नहीं करा सका. जिस पर मोर्चा ने आयोग को कार्रवाई की अपील की है.

पढ़ें: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को देशभर में तीसरा स्थान, CSI सर्वे के नतीजे आए सामने

प्रवीण शर्मा ने बताया की बोर्ड ने खरीद के बिल तो दिए हैं, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन के ई-वे बिल की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई. उन्होंने कहा कि आखिर 80 करोड़ का सामान कैसे पहुंचा वो भी ई-वे बिल के बिना. उन्होंने कहा कि बिना ई-वे बिल के सामान हल्द्वानी व गोमती नगर से कैसे दून पहुंचा, इसका जवाब बोर्ड के पास नहीं है. सरकार कहती है कि भ्रष्टाचार नहीं है, इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या होगा?

विकासनगर: उत्तराखंड भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में ई-वे बिल की खरीदी पर करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है. इसका खुलासा आईटीआई के तहत सामने आया है. मामले में सूचना आयोग ने बोर्ड के सचिव को जांच के आदेश दे दिए हैं.

RTI से सामने आया कर्मकार कल्याण बोर्ड में 80 करोड़ का घोटाला.

जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने बोर्ड द्वारा की गई करोड़ों रुपये की खरीद से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. बोर्ड ने उन्हें खरीदे गए सामान के बिल उपलब्ध कराए. लेकिन खरीदे गए सामान साइकिल टूल किट, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन वेल्डिंग मशीन आदि किस बोर्ड के पास पहुंचा है, इससे संबंधित कोई दस्तावेज विभाग उपलब्ध नहीं करा सका. जिस पर मोर्चा ने आयोग को कार्रवाई की अपील की है.

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प्रवीण शर्मा ने बताया की बोर्ड ने खरीद के बिल तो दिए हैं, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन के ई-वे बिल की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई. उन्होंने कहा कि आखिर 80 करोड़ का सामान कैसे पहुंचा वो भी ई-वे बिल के बिना. उन्होंने कहा कि बिना ई-वे बिल के सामान हल्द्वानी व गोमती नगर से कैसे दून पहुंचा, इसका जवाब बोर्ड के पास नहीं है. सरकार कहती है कि भ्रष्टाचार नहीं है, इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या होगा?

Last Updated : Mar 5, 2021, 2:02 PM IST
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