देहरादून: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे में उत्तराखंड की जीडीपी में तकरीबन 36,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान का दावा किया गया है. जिसमें से 79 फीसदी नुकसान केवल उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में होने की बात कही गई है.
उत्तराखंड में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे में लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में 36,680 करोड़ रुपए की जीडीपी के नुकसान का दावा किया गया है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 79 फीसदी और शहरी क्षेत्र में 21 फीसदी नुकसान का दावा किया गया है.
बता दें कि यह सर्वे चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में किया गया है, जिसमें लॉकडाउन का पीरियड सम्मिलित है. इस दौरान ठप रही अर्थव्यवस्था के प्रतिबिंब के रूप में इसे देखा जा रहा है. हालांकि सरकारी अधिकारियों का मानना है कि यह एक निजी संस्था का सर्वे है तो वहीं लॉकडाउन के बाद हुए अनलॉक में आर्थिक गतिविधि शुरू हो गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि अब यह संभल जाएगी.
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नियोजन विभाग का मानना है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण प्रदेश की विकास दर तकरीबन 5.1 प्रतिशत रह गई थी जो कि अब शून्य से नीचे खिसकती मानी जा रही है. यह आंकड़ा त्रिवेंद्र सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि मुख्यमंत्री सदैव से कहते आ रहे हैं कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना उत्तराखंड के गांव और शहर की तस्वीर बदल देगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार पर जिस तरह बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव है, वो इसको कैसे धरातल पर उतारती है. जैसा कि हम जानते हैं कि गांव समृद्ध होगा तभी प्रदेश में मूलभूत विकास संभव है.