देहरादून: एडवेंचर टूरिज्म और हिमालय ट्रेल्स (adventure tourism and Himalayan trails) को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के दो नए विकसित खूबसूरत ट्रेक (Two newly developed beautiful treks of Uttarakhand) पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल (Pindari Glacier and Bagchi Bugyal) को ट्रेक ऑफ द ईयर (trek of the year) घोषित किया है. वही, इन ट्रेक पर बिहार सरकार के 71 अधिकारियों का दल उत्तराखंड के सीमांत गांव घेस का दौरा (Ghes village at Uttarakhand border) करेंगे.
उत्तराखंड एडवेंचर टूरिज्म को मिला बूस्ट: उत्तराखंड पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि कोविड महामारी के बाद एडवेंचर टूरिज्म और ट्रेकिंग को लेकर लोगों में खासा रुझान देखने को मिल रहा है. इसी के चलते उत्तराखंड ने अपने दो नए ट्रेक को ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित किया है. हाल ही में मध्य प्रदेश से 48 प्रशासनिक अधिकारियों का दल पिंडारी ग्लेशियर में ट्रेक करके वापस गया है. वही, जल्द ही उत्तराखंड के सीमांत हिमालय गांव घेस बुग्याल में भी बिहार के अधिकारियों का दौरा प्रस्तावित है.
बिहार के अधिकारी करेंगे सीमांत गांव में ट्रेक: घेस बुग्याल में बिहार के अधिकारियों को ट्रेकिंग करवाने वाली संस्था ट्रेक द हिमालयाज के को-फाउंडर राकेश पंत ने बताया कि बिहार पब्लिक सर्विस सेटलमेंट जिसमें पीसीएस रैंक के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है. उसी ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत बिहार के 70 प्रशासनिक अधिकारियों के दल बागची बुग्याल और ब्रह्मताल ट्रेक पर ट्रेकिंग करेंगे. इसी दौरान इन का केंद्र बिंदु उत्तराखंड का सीमांत गांव घेस होगा.
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प्रशासनिक अधिकारी करेंगे ग्रामीणों से संवाद: उन्होंने बताया कि बिहार प्रशासनिक अधिकारियों के दल दो तरह के प्रशिक्षण करेंगे. एक तो वहां हाई एल्टीट्यूड और विषम भौगोलिक परिस्थितियों का प्रशिक्षण लेंगे. दूसरा सीमांत हिमालय गांव के सामाजिक और मूलभूत परिवेश में किस तरह की चुनौतियां हैं, उसे समझने का प्रयास करेंगे. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों से भी संवाद करेंगे.
साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा: उत्तराखंड पर्यटन विभाग वन विकसित पिंडारी ग्लेशियर और घेस बुग्याल ट्रेक पर पर्यटकों की आवाजाही को बढ़ावा देने की कवायद में जुटा है. उत्तराखंड में ट्रेकिंग के साथ-साथ एडवेंचर टूरिज्म को बूस्ट करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत ट्रेकरों को सब्सिडी भी दी जा रही है.
घेस बुग्याल में बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों को ट्रेकिंग करवाने वाली संस्था ट्रेक द हिमालय के संस्थापक राकेश पंत ने बताया कि सरकार द्वारा एक अच्छी पहल की जा रही है. सरकार इस योजना के तहत चयनित ट्रेक पर ₹2000 प्रति ट्रेकर सब्सिडी प्रदान कर रही है. जो ट्रेकर व्यवसायियों के लिए बेहद लाभकारी है. इससे उत्तराखंड के सीमांत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा.