ETV Bharat / state

एक साल ज्यादा लंबित 573 मुकदमों का जल्द होगा निस्तारण, DGP ने दिए निर्देश

डीजीपी अशोक कुमार ने एक साल से लंबित 573 मामलों को एक महीने के भीतर निस्तारित करने के आदेश दिए हैं.

dehradun crime news
dehradun crime news
author img

By

Published : Jun 29, 2021, 7:50 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में एक साल से अधिक समय से लंबित 573 आपराधिक मामलों पर पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके बाद अब मामलों का तेजी से निस्तारण शुरू किया जाएगा. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में लंबित चल रहे इन सभी मामलों के निस्तारण के लिए 1 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा.

इस कार्य योजना के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने सभी डीआईजी, आईजी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में सभी लंबित 573 मामलों की विवेचना की रिपोर्ट अगस्त के पहले हफ्ते में तलब की है. इस संबंध में डीजीपी ने सोमवार को मासिक अपराध समीक्षा बैठक की थी.

तय करें अधिकारियों की जिम्मेदारी- डीजीपी

डीजीपी अशोक कुमार ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जनपद प्रभारी और पर्यवेक्षण अधिकारी विवेचना अभियान के तहत लंबित मामलों के निस्तारण के लिए खाका तैयार करेंगे. साथ ही लंबित मुकदमों की विवेचना में सबूतों का विशेष ध्यान रखा जाना जरूरी है. सभी जनपद पुलिस प्रभारियों को 30 जून तक एक साल से लंबित अन्य मुकदमों सूची 1 जुलाई सुबह 10 बजे तक पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर रोक: HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार

डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वह व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर लंबित 531 मुकदमों की विवेचना में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे. साथ ही एक महीने के बाद अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में गढ़वाल और कुमाऊं के डीआईजी व आईजी को पूरे अभियान की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करानी होगी.

देहरादून: उत्तराखंड में एक साल से अधिक समय से लंबित 573 आपराधिक मामलों पर पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके बाद अब मामलों का तेजी से निस्तारण शुरू किया जाएगा. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में लंबित चल रहे इन सभी मामलों के निस्तारण के लिए 1 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा.

इस कार्य योजना के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने सभी डीआईजी, आईजी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में सभी लंबित 573 मामलों की विवेचना की रिपोर्ट अगस्त के पहले हफ्ते में तलब की है. इस संबंध में डीजीपी ने सोमवार को मासिक अपराध समीक्षा बैठक की थी.

तय करें अधिकारियों की जिम्मेदारी- डीजीपी

डीजीपी अशोक कुमार ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जनपद प्रभारी और पर्यवेक्षण अधिकारी विवेचना अभियान के तहत लंबित मामलों के निस्तारण के लिए खाका तैयार करेंगे. साथ ही लंबित मुकदमों की विवेचना में सबूतों का विशेष ध्यान रखा जाना जरूरी है. सभी जनपद पुलिस प्रभारियों को 30 जून तक एक साल से लंबित अन्य मुकदमों सूची 1 जुलाई सुबह 10 बजे तक पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर रोक: HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार

डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वह व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर लंबित 531 मुकदमों की विवेचना में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे. साथ ही एक महीने के बाद अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में गढ़वाल और कुमाऊं के डीआईजी व आईजी को पूरे अभियान की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करानी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.