देहरादून: प्रदेश में पिछले 5 साल में 55 पुलिसकर्मी नौकरी छोड़ चुके हैं. इसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है. नौकरी छोड़ने वाले बेहतर विकल्प के तौर पर अन्य नौकरियों को अपने भविष्य के लिए चुना है.
गौर हो किआरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 2013 से लेकर अब तक देहरादून में 55 पुलिसकर्मियों की खाकी से मोह भंग हुआ है. उन्होंने बेहतर विकल्प के तौर पर अन्य नौकरियों को अपने भविष्य के लिए चुना है.
पुलिस में 24 घंटे की नौकरी
पिछले पांच वर्षों में 55 से अधिक पुलिसकर्मियों ने पुलिस की नौकरी छोड़ राजस्व और न्याय विभाग के साथ-साथ सचिवालय जैसी अन्य नौकरियों को बेहतर विकल्प मानकर उस पर जाना बेहतर समझा है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं युवाओं का मोह खाकी की नौकरी से भंग हो रहा है. हालांकि कुछ जानकारों के मुताबिक इसकी एक बड़ी वजह पुलिस की 24 घंटे की ड्यूटी भी है. जिसके चलते पुलिसकर्मी कई बार अपने परिवार के साथ-साथ छोटी-बड़ी खुशियों में शामिल नहीं हो सकते हैं. इसी कारण पुलिस ने कई तरह की मानसिक परेशानियों से लेकर अन्य समस्याएं बरकरार रहती हैं.
पढ़ें: 'सीरम' के सीईओ का सरकार से सवाल- क्या वैक्सीन के लिए हैं ₹80 हजार करोड़
बेहतर विकल्प मिलने के चलते अन्य विभागों में जा रहे जवान- डीजी
पुलिस की नौकरी बीच में छोड़ अन्य नौकरियों की तरफ जाने वाले पुलिस कर्मियों को लेकर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार का कहना है कि, विभाग में कई युवाओं को पुलिस की नौकरी के दरमियान बड़े और बेहतर सैलरी वाले विकल्प मिल रहे हैं. जिसके चलते वह अपने भविष्य को देखते हुए अन्य विकल्प की ओर देख रहे हैं. योग्यता के अनुसार पुलिस की नौकरी से ज्यादा तनख्वाह और ग्रोथ को देखकर युवा ये फैसला ले रहे हैं.
पढ़ें: देहरादून: CRPF सेक्टर हेडक्वार्टर में कोरोना की दस्तक, 48 घंटे बंद रहेगा दफ्तर
उन्होंने कहा कि, विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस कर्मियों को खेल विभाग में कोच का बड़ा पद मिला है. इतना ही नहीं कुछ पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों को उनके शैक्षिक योग्यता और कंपटीशन क्वालीफाई करने के बाद न्याय विभाग में जज तक की पोस्ट प्राप्त की है.