देहरादून: उत्तराखंड में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस कड़ी में स्वरोजगार योजना के तहत 5265 किलो वाट के पांच प्लांट को मंजूरी दे दी गई है. इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भी आमंत्रित किए गए थे, जिसके फल स्वरुप यह मंजूरी दी गई है.
राज्य में हरित ऊर्जा को प्रभावित करने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को शुरू किया गया है. इसके तहत राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसमें शासन द्वारा अधिसूचित उत्तराखंड राज्य सौर ऊर्जा नीति 2023 के अंतर्गत टाइप टू श्रेणी में आवेदन आमंत्रित किए गए थे.
इसके बाद अब मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 5265 किलोवाट क्षमता के 5 सोलर पावर प्लांट को मंजूरी दे दी गई है. इस योजना के जरिए राज्य में हरित ऊर्जा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. हालांकि काफी पहले से ही राज्य में सौर ऊर्जा के लिए निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती रही है, लेकिन इसमें अब तक कोई बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई थी.
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इस मामले में ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की तरफ से भी प्रयास किए जाते रहे हैं. इसके लिए शासन स्तर पर राज्य स्तरीय अनु विषण समिति गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता करते हुए आर मीनाक्षी सुंदरम ने सौर ऊर्जा से जुड़े पांच प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिनकी क्षमता 5265 किलोवाट है.
खास बात यह है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 24 करोड़ के निवेश की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. यही नहीं उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की व्यवस्था और सुविधाएं दी जा रही है, जिसके लिए लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है.