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गोल्डन फॉरेस्ट की 486 हेक्टेयर जमीन आएगी सरकार के काम, CM त्रिवेंद्र ने दी हरी झंडी

गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से कब्जाई गयी तकरीबन 486 हेक्टेयर जमीन को उत्तराखंड सरकार ने निहित करने का फैसला लिया है.. जिस पर अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरी झंडी दे दी है.

गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा कब्जा की गई जमीन आएगी सरकार के काम
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Published : Oct 17, 2019, 3:39 PM IST

देहरादूनः 90 के दशक में देहरादून से लेकर विकासनगर तक अगल-अलग क्षेत्रों में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से कब्जाई गयी तकरीबन 486 हेक्टेयर जमीन को उत्तराखंड सरकार ने निहित करने का फैसला लिया है. गोल्डन फॉरेस्ट की इस जमीन पर गरीबों के लिए आवास सरकारी कार्यालय के अलावा तमाम तरह के उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है.

गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा कब्जा की गई जमीन आएगी सरकार के काम.

बता दें की 90 दशक में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप ने देहरादून के अविकसित ग्रामीण क्षेत्रों सहित विकासनगर तहसील में भी जमीनों की खुर्द-बुर्द कर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया और अवैध तरीके से कम दामों में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन भेजी गई, लेकिन समय बदलते ही अब इन क्षेत्रों में विकास पहुंच चुका है और समय के साथ यहां आबादी बस चुकी है.

पढे- गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी

लेकिन आज भी यह जमीन कई जगह खाली पड़ी है जिन पर उत्तराखंड सरकार द्वारा जांच कराई और गोल्डन फॉरेस्ट का यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. जिसके बाद राजस्व विभाग द्वारा इन जमीनों का चिन्हिकरण किया गया. इन्हें राज्य सरकार में निहित करने का प्रस्ताव लाया गया है. जिस को अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरी झंडी दे दी है.

किस विभाग को कितनी जमीन की जाएगी आवंटित

जमीन हेक्टेयर में विभाग इलाके
1 29.789 सिंचाई विभाग शीशम बाड़ा, शेरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर उर्फ एव मंडी गंगभेवा
249.706 औद्योगिक विकास )- बैरागीवाला, जस्सेवाला, लाखनवाला, ढकरानी, तिमली, मानसिंह एवं भैसवाड़ा

3

22.519 आवास विभाग ईस्ट होप टाउन, सेंट्रल हॉप टाउन, रामपुर कला, सिद्धोंवाला, चांगल, गुजराड़ा मानसिंह
4 9.6851 सरकारी कार्यालय आमवाला तरला, आमवाला उपराला, चक डांडा लाखोंड मयचक
5 342.688 ग्रामसभा विकास ग्राम सभाओं के सुनियोजित विकास और सामुदायिक सुविधाओं के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम की धारा 117 के तहत ग्राम सभाओं में निहित।

देहरादूनः 90 के दशक में देहरादून से लेकर विकासनगर तक अगल-अलग क्षेत्रों में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से कब्जाई गयी तकरीबन 486 हेक्टेयर जमीन को उत्तराखंड सरकार ने निहित करने का फैसला लिया है. गोल्डन फॉरेस्ट की इस जमीन पर गरीबों के लिए आवास सरकारी कार्यालय के अलावा तमाम तरह के उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है.

गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा कब्जा की गई जमीन आएगी सरकार के काम.

बता दें की 90 दशक में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप ने देहरादून के अविकसित ग्रामीण क्षेत्रों सहित विकासनगर तहसील में भी जमीनों की खुर्द-बुर्द कर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया और अवैध तरीके से कम दामों में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन भेजी गई, लेकिन समय बदलते ही अब इन क्षेत्रों में विकास पहुंच चुका है और समय के साथ यहां आबादी बस चुकी है.

पढे- गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी

लेकिन आज भी यह जमीन कई जगह खाली पड़ी है जिन पर उत्तराखंड सरकार द्वारा जांच कराई और गोल्डन फॉरेस्ट का यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. जिसके बाद राजस्व विभाग द्वारा इन जमीनों का चिन्हिकरण किया गया. इन्हें राज्य सरकार में निहित करने का प्रस्ताव लाया गया है. जिस को अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरी झंडी दे दी है.

किस विभाग को कितनी जमीन की जाएगी आवंटित

जमीन हेक्टेयर में विभाग इलाके
1 29.789 सिंचाई विभाग शीशम बाड़ा, शेरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर उर्फ एव मंडी गंगभेवा
249.706 औद्योगिक विकास )- बैरागीवाला, जस्सेवाला, लाखनवाला, ढकरानी, तिमली, मानसिंह एवं भैसवाड़ा

3

22.519 आवास विभाग ईस्ट होप टाउन, सेंट्रल हॉप टाउन, रामपुर कला, सिद्धोंवाला, चांगल, गुजराड़ा मानसिंह
4 9.6851 सरकारी कार्यालय आमवाला तरला, आमवाला उपराला, चक डांडा लाखोंड मयचक
5 342.688 ग्रामसभा विकास ग्राम सभाओं के सुनियोजित विकास और सामुदायिक सुविधाओं के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम की धारा 117 के तहत ग्राम सभाओं में निहित।
Intro:
एंकर- 90 के दशक में देहरादून से लेकर विकासनगर तक अगल अलग क्षेत्र में गोल्डन फारेस्ट कंपनी द्वारा अवैध तरीके से की गई जमीनों की खुर्द-बुर्द और बंदर बांट के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने इसे निहित करने का फैसला लिया है। अलग अलग इलाकों में कुल मिलाकर 486 हेक्टयर की इस भूमि को सरकार के विभिन्न विभागों को आबंटित किया गया है जिस पर गरीबो के लिए आवास, सरकारी कार्यालय और उद्दोग लगेंगे।


Body:वीओ- गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से कब्जाई गयी तकरीबन 486 हेक्टेयर जमीन को उत्तराखंड सरकार ने निहित करने का फैसला लिया है। गोल्डन फॉरेस्ट की इस जमीन पर गरीबों के लिए आवास सरकारी कार्यालय के अलावा तमाम तरह के उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है।

दरसल 90 के दशक में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप ने देहरादून के अविकसित ग्रामीण क्षेत्रों में सहित विकासनगर तहसील में भी जमीनों की खुर्द-बुर्द कर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था और अवैध तरीके से ही कम दामों में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन भेजी थी।

समय बदला और अब इन क्षेत्रों में विकास पहुंच चुका है और यहां भी घनी आबादी बस चुकी है लेकिन आज भी यह जमीन है कई जगह जमीन है खाली पड़ी है जिन पर उत्तराखंड सरकार द्वारा जांच कराई गई और गोल्डन फॉरेस्ट का यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया जिसके बाद राजस्व विभाग द्वारा इन जमीनों का चिन्ही करण किया गया और इन्हें राज्य सरकार में निहित करने का प्रस्ताव लाया गया जिस पर अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरी झंडी दे दी है।

इन विभागों को आवंटित की जाएगी जमीन---

सिंचाई विभाग (कुल 29.789 हेक्टेयर) - शीशम बाड़ा, शेरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर उर्फ एव मंडी गंगभेवा।

औद्योगिक विकास (कुल 49.706 हेक्टेयर)- बैरागीवाला, जस्सेवाला, लाखनवाला, ढकरानी, तिमली, मानसिंह एवं भैसवाड़ा।

आवास विभाग (कुल 22.519 हेक्टेयर)- ईस्ट होप टाउन, सेंट्रल हॉप टाउन, रामपुर कला, सिद्धोंवाला, चांगल, गुजराड़ा मानसिंह।

सरकारी कार्यालय (कुल 9.6851 हेक्टेयर)- आमवाला तरला, आमवाला उपराला, चक डांडा लाखोंड मयचक।

ग्रामसभा विकास (कुल 342.688 हेक्टेयर)- ग्राम सभाओं के सुनियोजित विकास और सामुदायिक सुविधाओं के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम की धारा 117 के तहत ग्राम सभाओं में निहित।


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