देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के करीब 40 दिन बाद भी रिक्त पड़े पंचायतों पर चुनाव नहीं कराए जा सके हैं. कोरम पूरा न होने के कारण अब तक करीब 4800 ग्राम प्रधानों की शपथ नहीं हो पाई है.
उत्तराखंड के 12 जिलों में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के चुनाव संपन्न हुए थे. लेकिन, ग्राम पंचायतों के 30,664 पदों पर नामांकन न होने कारण ये पद खाली रह गए. वहीं, 12 जिलों के 86 गांव में प्रधानों के चुनाव भी नहीं हो सके हैं.
वहीं, चुनाव परिणाम के 40 दिन बाद ग्राम पंचायतों में शपथ ग्रहण करवाई गई, लेकिन कोरम पूरा न होने के कारण करीब 4800 ग्राम प्रधान शपथ नहीं ले पाए. बता दें कि इन 12 जिलों में 7485 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें महज 2,622 ग्राम सभाओं में ही शपथ ग्रहण करवाई जा सकी है.
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पंचायत जन अधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने इस मामले पर सरकार को आड़े हाथ लिया. उन्होंने सरकार पर चुनाव न करा पाने से पंचायतों को कमजोर करने का आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेश महामंत्री खजानदास ने बताया कि अधिकारियों की हिला हवाली के चलते ये एक बड़ी चूक हुई है, जिस कारण आज भी कई पद खाली रह गये.
वहीं, ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों समेत सदस्यों के भी चुनाव किए जाते हैं. इसमें जनसंख्या के अनुसार ही ग्राम सभा में सदस्यों की संख्या 7 से लेकर 15 तक हो सकती है. पंचायत एक्ट में किए गए बदलाव के चलते कई लोग इन चुनावों में हिस्सा नहीं ले पाए, जिस कारण कई जगह प्रत्यशी न होने के कारण भी कई सीटें खाली रह गई.