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बौद्ध मठ मामला: 39 बच्चे सकुशल पहुंचे नेपाल, परिजनों ने जताया सरकार का आभार

शाक्य बौद्ध मठ मारपीट और प्रताड़ना मामले में उत्तराखंड सरकार और बाल आयोग की पहल के बाद 39 बच्चे सकुशल नेपाल स्थित अपने घर पहुंच गए हैं.

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39 बच्चे सकुशल पहुंचे नेपाल
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Published : Nov 4, 2020, 6:07 PM IST

देहरादून: पिछले एक सप्ताह से चर्चाओं में रहे पुरकल गांव के बौद्ध मठ शाक्य स्कूल के 39 बच्चे सकुशल नेपाल अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं. उत्तराखंड बाल आयोग ने बच्चों के सशुकल घर पहुंचने की जानकारी दी है. आयोग के मुताबिक बुधवार की शाम स्कूल की बस से 3 शिक्षकों के साथ सभी बच्चों को चंपावत के नेपाल बॉर्डर लाया गया.

जहां चंपावत जिला प्रशासन के अधिकारियों और नेपाली अधिकारियों की मदद से बच्चों को सकुशल उनके घर पहुंचाया गया. जानकारी के मुताबिक नेपाल मूल के स्कूली बच्चों के घर पहुंचने के बाद उनके अभिभावकों ने राहत की सांस ली है और बच्चों के परिजनों ने उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड बाल आयोग के साथ-साथ प्रशासन का आभार जताया है.

बाल आयोग के मुताबिक शाक्य स्कूल में बच्चों के साथ मारपीट और प्रताड़ना मामले की जांच जारी है. आयोग ने डीएम देहरादून से इस संबंध में 15 दिनों में जांच रिपोर्ट तलब की है. वहीं, देहरादून पुलिस भी पूरे मामले की जांच में जुटी है.

ये भी पढ़ें: बौद्ध मठ मामला: पहले बच्चों से मारपीट विवाद और अब शिक्षक ने की खुदकुशी, गहराया रहस्य

बच्चों के मारपीट के बाद शिक्षक द्वारा किए गए सुसाइड मामले में अभी मृतक के परिजनों की ओर से किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी गई है. मृतक शिक्षक के नेपाल में रहने वाले परिजनों ने देहरादून आने में असमर्थता जताते हुए शाक्य स्कूल प्रबंधन को ही बौद्ध समाज के रीति-रिवाज अनुसार से दाह संस्कार करने का आग्रह किया है.

बच्चों की वापसी पर संशय

वहीं, शाक्य स्कूल बच्चों के साथ मारपीट और प्रताड़ना जैसी घटनाएं सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के वापस देहरादून आने पर संशय बना हुआ है.

क्या है मामला

गौर हो कि दून के इस बौद्ध मठ में रह रहे कई छात्र बीते चार सालों से अपने घर नहीं जा सके हैं. आरोप है कि जब छात्रों ने मठ प्रबंधन से घर जाने की छुट्टी मांगी तो उनके साथ मारपीट की गई, जिसके बाद 7 नेपाली मूल के बच्चे मठ से फरार हो गए थे. छात्र किसी तरह बनबसा तक पहुंच गए थे. हालांकि, इन 7 छात्रों में से दो छात्र नेपाल सीमा में प्रवेश करने में सफल रहे लेकिन बाकी बचे 5 फरार छात्रों को बनबसा पुलिस ने रेस्क्यू करते हुए वापस मठ पहुंचाया था.

वहीं, मामला सामने आने के बाद छात्रों के परिजनों ने नेपाल मानवाधिकार आयोग के पास मदद की गुहार लगाई थी. उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया था. बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी बौद्ध मठ पहुंची थीं और बच्चों का हालचाल जाना. 47 छात्रों ने उन्हें नेपाल वापस भेजने के लिए आग्रह किया था.

राजपुर रोड स्थित शाक्य एकेडमी में कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है. वर्तमान में यहां 213 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. ये बच्चे नेपाल, अरुणाचल, तिब्बत और हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड के हैं. वर्ष 2016 में शुरू हुए संस्थान में बौद्ध धर्म और तिब्बती संस्कृति के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है और बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है.

देहरादून: पिछले एक सप्ताह से चर्चाओं में रहे पुरकल गांव के बौद्ध मठ शाक्य स्कूल के 39 बच्चे सकुशल नेपाल अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं. उत्तराखंड बाल आयोग ने बच्चों के सशुकल घर पहुंचने की जानकारी दी है. आयोग के मुताबिक बुधवार की शाम स्कूल की बस से 3 शिक्षकों के साथ सभी बच्चों को चंपावत के नेपाल बॉर्डर लाया गया.

जहां चंपावत जिला प्रशासन के अधिकारियों और नेपाली अधिकारियों की मदद से बच्चों को सकुशल उनके घर पहुंचाया गया. जानकारी के मुताबिक नेपाल मूल के स्कूली बच्चों के घर पहुंचने के बाद उनके अभिभावकों ने राहत की सांस ली है और बच्चों के परिजनों ने उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड बाल आयोग के साथ-साथ प्रशासन का आभार जताया है.

बाल आयोग के मुताबिक शाक्य स्कूल में बच्चों के साथ मारपीट और प्रताड़ना मामले की जांच जारी है. आयोग ने डीएम देहरादून से इस संबंध में 15 दिनों में जांच रिपोर्ट तलब की है. वहीं, देहरादून पुलिस भी पूरे मामले की जांच में जुटी है.

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बच्चों के मारपीट के बाद शिक्षक द्वारा किए गए सुसाइड मामले में अभी मृतक के परिजनों की ओर से किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी गई है. मृतक शिक्षक के नेपाल में रहने वाले परिजनों ने देहरादून आने में असमर्थता जताते हुए शाक्य स्कूल प्रबंधन को ही बौद्ध समाज के रीति-रिवाज अनुसार से दाह संस्कार करने का आग्रह किया है.

बच्चों की वापसी पर संशय

वहीं, शाक्य स्कूल बच्चों के साथ मारपीट और प्रताड़ना जैसी घटनाएं सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के वापस देहरादून आने पर संशय बना हुआ है.

क्या है मामला

गौर हो कि दून के इस बौद्ध मठ में रह रहे कई छात्र बीते चार सालों से अपने घर नहीं जा सके हैं. आरोप है कि जब छात्रों ने मठ प्रबंधन से घर जाने की छुट्टी मांगी तो उनके साथ मारपीट की गई, जिसके बाद 7 नेपाली मूल के बच्चे मठ से फरार हो गए थे. छात्र किसी तरह बनबसा तक पहुंच गए थे. हालांकि, इन 7 छात्रों में से दो छात्र नेपाल सीमा में प्रवेश करने में सफल रहे लेकिन बाकी बचे 5 फरार छात्रों को बनबसा पुलिस ने रेस्क्यू करते हुए वापस मठ पहुंचाया था.

वहीं, मामला सामने आने के बाद छात्रों के परिजनों ने नेपाल मानवाधिकार आयोग के पास मदद की गुहार लगाई थी. उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया था. बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी बौद्ध मठ पहुंची थीं और बच्चों का हालचाल जाना. 47 छात्रों ने उन्हें नेपाल वापस भेजने के लिए आग्रह किया था.

राजपुर रोड स्थित शाक्य एकेडमी में कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है. वर्तमान में यहां 213 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. ये बच्चे नेपाल, अरुणाचल, तिब्बत और हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड के हैं. वर्ष 2016 में शुरू हुए संस्थान में बौद्ध धर्म और तिब्बती संस्कृति के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है और बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है.

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