देहरादून: घाटे में चल रहे आबकारी विभाग को क्या उसी के नौकरशाह राजस्व की चोट पहुंचा रहे हैं ? क्या कोई आबकारी विभाग में बड़ा नेक्सेस काम कर रहा है जो अवैध नकली शराब को बढ़ावा देकर टैक्स की चोरी कर राजस्व को चूना लगाने का काम कर रहा हैं . हम यहां ये बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड की राजधानी में कुछ ऐसा हैरान कर देने वाला खुलासा मंगलवार को सामने आया.
उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार देखा गया जब सरकारी गोदाम से ही जांच के दौरान टैक्स चोरी की नकली शराब बरामद हुई. मामला देहरादून के जीएमएस रोड स्थित आबकारी के रजिस्टर्ड गोदाम से जुड़ा हुआ है. यहां विभाग के अधिकारीगण गड़बड़ी की खबर मिलते ही बिना किसी को बताए गोदाम में छानबीन के लिए पहुंच गए. अधिकारियों ने गोदाम में जो देखा वो और भी हैरान कर देने वाला था.
दरअसल, इस सरकारी गोदाम में चंडीगढ़ से लाई गई नकली होलोग्राम वाली अवैध शराब की 348 पेटियां बरामद हुई हैं. पकड़ी गई नकली शराब बिना टैक्स के कैसे पहुंची? ये एक बड़ा सवाल है. मामला आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़ा था, ऐसे में मीडिया को बिना भनक लगे ही सारी कार्रवाई को अंदर खाने अंजाम दे दिया गया.
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जानकारी के मुताबिक, आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से जाली कागजात और फर्जी होलोग्राम के जरिए बिना टैक्स चुकाए रजिस्टर गोदाम में शराब का जखीरा कैसे पहुंचाया गया? ये सबसे बड़ा सवाल सरकार के सामने हैं. ऐसे में इस बात की पूर्ण रूप से आशंका जताई जा रही है कि शराब कंपनी और ठेका संचालकों के साथ मिलीभगत कर कोई आबकारी विभाग में शराब तस्करी का बड़ा खेल कर राजस्व में लाखों का चूना लगा रहा है.
मामले में फिलहाल, कोई भी आबकारी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. देहरादून के आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय कार्रवाई होने के बाद से ही मोबाइल स्विच ऑफ कर नदारद हैं. ऐसे में देखना होगा कि सरकार कब तक इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई का शिकंजा कसती है?