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स्वास्थ्य विभाग में 34 संविदा कर्मियों की नौकरी पर लटकी तलवार

मेडिकल एजुकेशन के तहत संविदा पर काम कर रहे 34 कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं मिलने पर विभाग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है.

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Published : Mar 1, 2020, 7:25 PM IST

Dehradun
खतरे में 34 संविदा कर्मियों की नौकरी

देहरादून: मेडिकल एजुकेशन के तहत संविदा पर लगे 34 कर्मियों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. प्रदेश सरकार मेडिकल एजुकेशन के तहत संविदा पर काम कर रहे करीब 34 कर्मियों को सेवा विस्तार नहीं दे रही है. इन कर्मचारियों की सेवा 31 मार्च को खत्म हो रही है. ऐसे में विभाग अब इन कर्मचारियों को नोटिस जारी कर रहा है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से बोर्ड को समय सीमा बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा चुका है. लेकिन नोटिस जारी होने से कर्मचारियों में डर का माहौल बना हुआ है.

खतरे में 34 संविदा कर्मियों की नौकरी

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के शिक्षक का UN में सम्मान, बनाए गए वर्ल्ड पार्लियामेंट काउंसिल के नामित सदस्य

कर्मचारियों ने शासन से बांड की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन तय समय यदि कर्मचारियों को विस्तार नहीं मिलता तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. संविदा पर तैनात इन कर्मियों में पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्निकल स्टाफ शामिल है.

त्रिवेंद्र सरकार इस साल को रोजगार वर्ष के रूप में बना रही है और राज्य सरकार ने ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने का वादा कर तमाम निवेशकों को उत्तराखंड लाने का दावा किया है. ऐसे में संविदा कर्मियों को नोटिस दिया जाना सरकार की प्रदेश सरकार के दावों पर सवाल खड़ा कर रहा है.

देहरादून: मेडिकल एजुकेशन के तहत संविदा पर लगे 34 कर्मियों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. प्रदेश सरकार मेडिकल एजुकेशन के तहत संविदा पर काम कर रहे करीब 34 कर्मियों को सेवा विस्तार नहीं दे रही है. इन कर्मचारियों की सेवा 31 मार्च को खत्म हो रही है. ऐसे में विभाग अब इन कर्मचारियों को नोटिस जारी कर रहा है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से बोर्ड को समय सीमा बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा चुका है. लेकिन नोटिस जारी होने से कर्मचारियों में डर का माहौल बना हुआ है.

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कर्मचारियों ने शासन से बांड की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन तय समय यदि कर्मचारियों को विस्तार नहीं मिलता तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. संविदा पर तैनात इन कर्मियों में पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्निकल स्टाफ शामिल है.

त्रिवेंद्र सरकार इस साल को रोजगार वर्ष के रूप में बना रही है और राज्य सरकार ने ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने का वादा कर तमाम निवेशकों को उत्तराखंड लाने का दावा किया है. ऐसे में संविदा कर्मियों को नोटिस दिया जाना सरकार की प्रदेश सरकार के दावों पर सवाल खड़ा कर रहा है.

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