देहरादून: प्रदेश की साक्षरता दर में सुधार लाने के लिए जनपदवार साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत जनपद देहरादून में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय की ओर से 25,517 निरक्षर लोगों को चिन्हित किया गया था, जिन्हें वर्तमान में शिक्षा विभाग की ओर से निरक्षर से साक्षर बनाने का कार्य किया जा रहा है.
गौरतलब है कि इस विशेष अभियान के तहत जनपद देहरादून में चिन्हित सभी 25,517 निरक्षर लोगों को आगामी 26 जनवरी तक साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. सभी चिन्हित लोगों को शिक्षा विभाग की ओर से बेसिक ज्ञान जैसे कि अपना नाम लिखना, पढ़ना और गुणाभाग करना इत्यादि करना सिखाया जा रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) देहरादून निकिता खंडेलवाल ने बताया कि सितंबर माह से शुरू हुए साक्षरता अभियान के तहत अब तक जनपद देहरादून में 19 हजार निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया जा चुका है.
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वहीं, शेष बचे 6517 लोगों को भी शिक्षा विभाग की ओर से लगाई जा रही विशेष क्लासेज के माध्यम से आगामी 26 जनवरी तक निरक्षर से साक्षर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. गौरतलब है कि साक्षरता का अर्थ पढ़ने लिखने की क्षमता से संपन्न होना है. राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढ़ने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में साक्षरता दर 78.8% है. इसमें 87.4% पुरुष साक्षर हैं. वहीं, 70.0% महिलाएं साक्षर हैं.