देहरादून: दिल्ली में की गई बैठक के बाद वापस लौटे पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडे ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र से रोड कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट के लिए तकरीबन 2000 करोड़ की योजनाओं की डिमांड की गई थी. जिसमें से प्राथमिकता को देखते हुए अभी केंद्र द्वारा ढाई सौ करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है. बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की कई योजनाओं को हरी झंडी दे दी है.
लोक निर्माण सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि भारत सरकार हर वित्तीय वर्ष में CRIF फंड के तहत राज्यों को रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए फंड प्रोवाइड कराती है. उत्तराखंड सरकार द्वारा इस बार तकरीबन 2000 करोड़ की योजनाओं को केंद्र से स्वीकृति के लिए भेजा गया था, लेकिन केंद्र से रिवाइज करने के बाद राज्य सरकार द्वारा एक बार 600 करोड़ और दूसरी बार 400 करोड़ के प्रोजेक्ट सेंशन के लिए केंद्र भेजे थे. उन्होंने बताया कि बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से प्रदेश में लगातार सड़कों को हो रहे नुकसान और आपदा की वजह से प्रदेश के हालातों को देखते हुए प्रदेश के लिए 10 प्रस्ताव पर स्वीकृति देने का आग्रह किया.
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प्रदेश में धीमी गति से काम करने वाली एजेंसियों को लेकर राज्य सरकार द्वारा केंद्र से यह अनुरोध किया गया था कि इन कार्यदाई संस्थाओं को बदलकर राज्य की लोक निर्माण विभाग को कार्यदाई संस्था बना दिया जाए. जिसके तहत चाइना बॉर्डर की तरफ जाने वाली सड़क सिमली से लेकर जौलजीबी तक बीआरओ द्वारा किए जा रहे धीमी गति के कार्य को देखते हुए इसकी कार्यदाई संस्था बदलने के लिए अनुरोध किया गया था. उन्होंने बताया कि चाइना बॉर्डर तक जाने वाली सिमली से जौलजीबी तक कि यह सड़क डबल लाइन की जा रही है. जिस पर बीआरओ बेहद धीमी गति से काम कर रहा है.
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