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चारधाम यात्रा के लिए 24,807 श्रद्धालु करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन, 18,000 ने किये दर्शन

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Published : Jul 29, 2020, 9:16 PM IST

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधामों में अभी तक 18 हजार से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रुकें.

24,807 pilgrims have registered for Chardham Yatra
चारधाम यात्रा

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा के लिए अन्य प्रदेशों से आ रहे श्रद्धालुओं को भी अनुमति दे दी है. ऐसे में 1 जुलाई से ही चारों धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गयी थी. इसी क्रम में बुधवार को यात्रा के 29वें दिन कुल 394 श्रद्धालुओं को चारधाम के पास जारी किए गए. जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 71, केदारनाथ धाम के लिए 233, गंगोत्री धाम के लिए 51 और यमुनोत्री धाम के लिए 39 श्रद्धालुओं को पास दिया गया है. ऐसे में चारधाम के दर्शन करने के लिए जाने वाले यात्री उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर ई-पास प्राप्त कर सकते हैं.

वहीं, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम मंदिर में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनेटाइजेशन, मास्क की व्यवस्थाएं कर दी गयी है. इसके साथ ही मंदिरों में मूर्तियों को छूने और प्रसाद वितरण पर भी रोक है. यही नहीं वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए घंटियों को कपड़े से ढका गया है. देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्ग सहित बदरीनाथ धाम और केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गुप्तकाशी एवं सोनप्रयाग में यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के आवासीय प्रयोजन के लिए खोला जा चुका है.

पढ़ें- उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2020: सुविधाओं से वंचित पहाड़ के छात्र मैदान पर पड़े भारी

इस मामले में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि देवस्थानम् बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 29 जुलाई की शाम पांच बजे तक कुल 24807 ई- पास जारी किये जा चुके हैं. ई-पास तीर्थ यात्रियों द्वारा गयी तिथियों हेतु जारी किये गये हैं. ताकि यात्रियों द्वारा लिए गए समय के अनुसार वो धाम के दर्शन कर सकें.

पढ़ें-कोरोना की मार, मनरेगा में पत्थर तोड़ने को मजबूर अंतरराष्ट्रीय चैंपियन

वहीं, देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधामों में अभी तक 18 हजार से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके. साथ ही यात्री दर्शन के बाद निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाएं.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा के लिए अन्य प्रदेशों से आ रहे श्रद्धालुओं को भी अनुमति दे दी है. ऐसे में 1 जुलाई से ही चारों धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गयी थी. इसी क्रम में बुधवार को यात्रा के 29वें दिन कुल 394 श्रद्धालुओं को चारधाम के पास जारी किए गए. जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 71, केदारनाथ धाम के लिए 233, गंगोत्री धाम के लिए 51 और यमुनोत्री धाम के लिए 39 श्रद्धालुओं को पास दिया गया है. ऐसे में चारधाम के दर्शन करने के लिए जाने वाले यात्री उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर ई-पास प्राप्त कर सकते हैं.

वहीं, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम मंदिर में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनेटाइजेशन, मास्क की व्यवस्थाएं कर दी गयी है. इसके साथ ही मंदिरों में मूर्तियों को छूने और प्रसाद वितरण पर भी रोक है. यही नहीं वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए घंटियों को कपड़े से ढका गया है. देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्ग सहित बदरीनाथ धाम और केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गुप्तकाशी एवं सोनप्रयाग में यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के आवासीय प्रयोजन के लिए खोला जा चुका है.

पढ़ें- उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2020: सुविधाओं से वंचित पहाड़ के छात्र मैदान पर पड़े भारी

इस मामले में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि देवस्थानम् बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 29 जुलाई की शाम पांच बजे तक कुल 24807 ई- पास जारी किये जा चुके हैं. ई-पास तीर्थ यात्रियों द्वारा गयी तिथियों हेतु जारी किये गये हैं. ताकि यात्रियों द्वारा लिए गए समय के अनुसार वो धाम के दर्शन कर सकें.

पढ़ें-कोरोना की मार, मनरेगा में पत्थर तोड़ने को मजबूर अंतरराष्ट्रीय चैंपियन

वहीं, देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधामों में अभी तक 18 हजार से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके. साथ ही यात्री दर्शन के बाद निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाएं.

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