ऋषिकेश: उत्तराखंड में कोरोना प्रकोप के बीच ब्लैक फंगस नामक नई बीमारी आफत बनकर आ गई है. ऋषिकेश एम्स में अब तक ब्लैक फंगस के 20 मरीज आ चुके हैं, जिनमें से एक की मौत चुकी है. इसको लेकर एम्स प्रशासन ने 15 लोगों की एक टीम गठित की है, जो हाई रिस्क कोरोना पॉजिटिव लोगों में ब्लैक फंगस की जांच करेंगे.
कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस की आहट ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. एहतियात के तौर पर एम्स में भर्ती होने वाले कोविड-19 के गंभीर मरीजों की अब ब्लैक फंगस बीमारी की जांच भी की जाएगी. फिलहाल एम्स में ब्लैक फंगस पीड़ित एक मरीज की मौत हो चुकी है. जबकि 19 मरीजों का इलाज जारी है. इसमें 7 मरीज उत्तर प्रदेश और 12 मरीज उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं.
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भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर रविकांत 15 डॉक्टरों की एक टीम गठित की है. एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित मरीजों पर ब्लैक फंगस तेजी से अटैक कर रहा है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है. डॉक्टरों की टीम ने लोगों से अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की अपील की है.
डॉक्टरों का साफ कहना है कि केवल एतिहात ही लोगों को कोविड-19 और ब्लैक फंगस की बीमारी से बचा सकता है. एम्स डायरेक्टर डॉ. रविकांत ने बताया कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एक अलग से 30 बेड का वॉर्ड बनाया गया है. जिससे संक्रमित मरीजों को अलग से रखकर उनका उपचार किया जा सके.