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कॉलेजों में 180 दिन की पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य, कम हुई हाजिरी तो नहीं दे पाएंगे परीक्षा

उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए 180 दिन की न्यूनतम पढ़ाई और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. ऐसे में कम उपस्थिति वाले छात्र परीक्षा नहीं दे पाएंगे.

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180 की पढ़ाई और उपस्थिति
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Published : Jan 21, 2020, 6:59 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अब 180 दिन की पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. जो छात्र अब क्लास में कम उपस्थित रहेंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी कॉलेजों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं.

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को अब क्लास में उपस्थित न रहना भारी पड़ सकता है. राज्य सरकार ने इसके लिए 180 दिन की न्यूनतम पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य कर दी है. ऐसे में 180 दिन से कम उपस्थिति होने पर छात्रों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा. हालांकि, कॉलेज की यह जिम्मेदारी भी रहेगी कि वे परिजनों से बात कर छात्रों को समझाएं.

कॉलेजों में 180 की पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य.

ये भी पढ़ेंः बकायेदारों में पूर्व MLA समेत बैंक के पूर्व डायरेक्टर के नाम शामिल, होगी कुर्की की कार्रवाई

वहीं, मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि यह निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था. अब कुलपतियों को मामले को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए कुलपतियों से सुझाव मांगे गए हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अब 180 दिन की पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. जो छात्र अब क्लास में कम उपस्थित रहेंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी कॉलेजों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं.

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को अब क्लास में उपस्थित न रहना भारी पड़ सकता है. राज्य सरकार ने इसके लिए 180 दिन की न्यूनतम पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य कर दी है. ऐसे में 180 दिन से कम उपस्थिति होने पर छात्रों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा. हालांकि, कॉलेज की यह जिम्मेदारी भी रहेगी कि वे परिजनों से बात कर छात्रों को समझाएं.

कॉलेजों में 180 की पढ़ाई और उपस्थिति अनिवार्य.

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वहीं, मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि यह निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था. अब कुलपतियों को मामले को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए कुलपतियों से सुझाव मांगे गए हैं.

Intro:180 दिनों से कम यदि क्लास में उपस्थिति रहे तो अब छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगें। जिसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को यह निर्देश दिए हैं। हालांकि कॉलेज की यह जिम्मेदारी भी रहेगी कि वह छात्रों के परिजनों से बात कर बच्चों को समझाया जाए।वही यह सरकार ने लिया था तो वहीं इसके अब कुलपतियों को दे दिए गए हैं।Body:कॉलेज में आने छात्र छात्रा जो क्लास में नहीं जाते है उनके लिए अब परीक्षा देने के लिए काफी ज़हमियत उठानी पद सकती है क्योकि राज्य सरकार के निर्णय अनुसार 180 दिनों से कम क्लास में उपस्थित होने वालो को छात्र-छात्रा को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जायेगा साथ ही कॉलेज के कुलपति परिजनो से मुलाकात कर छात्र-छात्रा के नहीं आने के बारे में भी जानकारी जुटाने का काम करेंगे!Conclusion:ज्यादा जानकारी देते हुए मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि  यह निर्णय जहां सरकार ने लिया था तो वहीं इसके अब कुलपतियों को दे दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह से विश्विधालय शिक्षा में गुणवत्ता लाई जा सकती है, इसके लिए पूर्व कुलपतियों से सुझाव भी मांगें गए हैं।


बाईट— धन सिंह रावत — उच्च शिक्षा मंत्री
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