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उत्तराखंड: 15वें वित्त आयोग से 89,845 करोड़ रुपये की संस्तुति, विकास योजनाओं को लगेंगे पंख - 15 वें वित्त आयोग न्यूज

15वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए जो 89,845 करोड़ रुपये की संस्तुति दी है. इसमें से 47,234 करोड़ रूपए की राशि केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा है.

Chief Minister Trivendra Singh Rawat
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Feb 1, 2021, 8:37 PM IST

देहरादून: 15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की है. जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह के साथ ही आयोग के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इससे उत्तराखंड को विकास योजनाएं संचालित करने में काफी मदद मिलेगी. राज्य को केंद्र सरकार का सदैव सहयोग मिलता रहा है. आयोग ने राज्य के पक्ष को समझा और अपनी महत्वपूर्ण संस्तुतियां दी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई में बड़ी राशि मिलने से सड़क से वंचित रह गये गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सकेगा. आपदा प्रबंधन में भी पर्याप्त धनराशि की संस्तुति की गई है. निश्चित रूप से इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी. साथ ही राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी.

पढ़ें- खबर का असर: 992 सरकारी स्कूलों में मुकम्मल होगी पेयजल व्यवस्था, बच्चों को राहत

बता दें कि 15वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए जो 89,845 करोड़ रुपये की संस्तुति दी है. इसमें से 47,234 करोड़ रूपए की राशि केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा है. यही नहीं केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उत्तराखंड को 28,147 करोड़ रूपए का रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट की संस्तुति की गई है. उत्तराखंड को पूर्व में 5176 करोड़ रूपए की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट मिल चुकी है. अभी संस्तुति की गई 28147 करोड़ रूपए की राशि उसके अतिरिक्त है.

इसी प्रकार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य होने के कारण उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन में 5,178 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है. पीएमजीएसवाई में 2322 करोड़ रूपए की राशि की संस्तुति की गई है. पीएमजीएसवाई में आसाम के बाद उत्तराखंड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत की गई है.

इसके अतिरिक्त 15 वें वित्त आयोग ने लोकल गवर्नमेंट में 4181 करोड़ रूपए, हेल्थ में 728 करोड़ रूपए, सांख्यिकी में 25 करोड़ रूपए, ज्यूडिसियरी में 70 करोड़ रूपए, उच्च शिक्षा में 83 करोड़ रूपए, कृषि में 277 करोड़ रूपए, स्टेट स्पेसिफिक में 1600 करोड़ रूपए राशि की संस्तुति की है. इस प्रकार कुल 42611 करोड़ रूपए की ग्रांट इन एड की संस्तुति की गई है. जिसमें रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट 28147 करोड़ रूपए शामिल है.

देहरादून: 15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की है. जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह के साथ ही आयोग के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इससे उत्तराखंड को विकास योजनाएं संचालित करने में काफी मदद मिलेगी. राज्य को केंद्र सरकार का सदैव सहयोग मिलता रहा है. आयोग ने राज्य के पक्ष को समझा और अपनी महत्वपूर्ण संस्तुतियां दी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई में बड़ी राशि मिलने से सड़क से वंचित रह गये गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सकेगा. आपदा प्रबंधन में भी पर्याप्त धनराशि की संस्तुति की गई है. निश्चित रूप से इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी. साथ ही राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी.

पढ़ें- खबर का असर: 992 सरकारी स्कूलों में मुकम्मल होगी पेयजल व्यवस्था, बच्चों को राहत

बता दें कि 15वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए जो 89,845 करोड़ रुपये की संस्तुति दी है. इसमें से 47,234 करोड़ रूपए की राशि केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा है. यही नहीं केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उत्तराखंड को 28,147 करोड़ रूपए का रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट की संस्तुति की गई है. उत्तराखंड को पूर्व में 5176 करोड़ रूपए की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट मिल चुकी है. अभी संस्तुति की गई 28147 करोड़ रूपए की राशि उसके अतिरिक्त है.

इसी प्रकार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य होने के कारण उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन में 5,178 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है. पीएमजीएसवाई में 2322 करोड़ रूपए की राशि की संस्तुति की गई है. पीएमजीएसवाई में आसाम के बाद उत्तराखंड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत की गई है.

इसके अतिरिक्त 15 वें वित्त आयोग ने लोकल गवर्नमेंट में 4181 करोड़ रूपए, हेल्थ में 728 करोड़ रूपए, सांख्यिकी में 25 करोड़ रूपए, ज्यूडिसियरी में 70 करोड़ रूपए, उच्च शिक्षा में 83 करोड़ रूपए, कृषि में 277 करोड़ रूपए, स्टेट स्पेसिफिक में 1600 करोड़ रूपए राशि की संस्तुति की है. इस प्रकार कुल 42611 करोड़ रूपए की ग्रांट इन एड की संस्तुति की गई है. जिसमें रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट 28147 करोड़ रूपए शामिल है.

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