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चारधाम यात्रा को लेकर अब तक 69,619 ई-पास जारी, 14,670 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

चारधाम आने के लिए अभी तक 69,619 यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड ने ई-पास जारी किया गया है. जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 24,256, केदारनाथ धाम के लिए 23,169, गंगोत्री धाम के लिए 13755 और यमुनोत्री धाम के लिए 8,439 यात्रियों को ई-पास जारी किए गए हैं.

Chardham
14,670 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
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Published : Sep 25, 2021, 7:36 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. जिसे लेकर श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय कारोबारियों के चेहरों पर रौनक बढ़ गई है. यात्रा को लेकर भी लोगों में भारी उत्साह देखने मिल रहा है. अभी तक लगभग 14,670 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. जबकि, अभी तक 69 हजार से ज्यादा लोगों को ई-पास जारी किए जा चुके हैं.

वहीं, आज 25 सितंबर को शाम 4 बजे तक बदरीनाथ धाम में 460, केदारनाथ धाम में 636, गंगोत्री धाम में 430 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री दर्शन करने पहुंचे. आज कुल 1,926 दर्शनार्थियों ने चारों धाम में दर्शन किए. अभी तक चारधाम आने के लिए अभी तक 69,619 यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड ने ई-पास जारी किया गया है.

जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 24,256, केदारनाथ धाम के लिए 23,169, गंगोत्री धाम के लिए 13755 और यमुनोत्री धाम के लिए 8,439 यात्रियों को ई-पास जारी किए गए हैं. इस ई-पास की सीमा अविध 15 अक्टूबर तक के लिए जारी किया गया है.

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. यात्रा शुरू होने से चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से चारधाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया. जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई है.

पर्यटन कारोबारियों को बांटी जा चुकी 7 करोड़ की धनराशिः पर्यटन विभाग की ओर से अब तक करीब 17 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है. यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराई जा रही है. मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सरकार ने यह निर्णय लिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पर्यटन विभाग समेत अन्य व्यापारियों को हुए नुकसान के एवज में 200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाएगा. जिसके तहत अभी तक करीब साढे़ 17 हजार लोगों को सहायता राशि दी जा चुकी है. वहीं, पिछले साल करीब 35 हजार लोगों को सहायता राशि दी गई थी. साथ ही दिलीप जावलकर ने बताया कि पिछले साल 3 महीने के लिए यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन इस बार 6 महीने के लिए यह योजना है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम के लिए जल्द शुरू होगी हेली सेवा, DGCA से अनुमति का इंतजार

तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन हुआ स्थगितः मुख्यमंत्री धामी ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति की ओर से चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया.

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, प्रदेश के लोगों को पंजीकरण की कोई जरूरत नहीं है.

देहरादूनः उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. जिसे लेकर श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय कारोबारियों के चेहरों पर रौनक बढ़ गई है. यात्रा को लेकर भी लोगों में भारी उत्साह देखने मिल रहा है. अभी तक लगभग 14,670 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. जबकि, अभी तक 69 हजार से ज्यादा लोगों को ई-पास जारी किए जा चुके हैं.

वहीं, आज 25 सितंबर को शाम 4 बजे तक बदरीनाथ धाम में 460, केदारनाथ धाम में 636, गंगोत्री धाम में 430 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री दर्शन करने पहुंचे. आज कुल 1,926 दर्शनार्थियों ने चारों धाम में दर्शन किए. अभी तक चारधाम आने के लिए अभी तक 69,619 यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड ने ई-पास जारी किया गया है.

जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 24,256, केदारनाथ धाम के लिए 23,169, गंगोत्री धाम के लिए 13755 और यमुनोत्री धाम के लिए 8,439 यात्रियों को ई-पास जारी किए गए हैं. इस ई-पास की सीमा अविध 15 अक्टूबर तक के लिए जारी किया गया है.

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. यात्रा शुरू होने से चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से चारधाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया. जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई है.

पर्यटन कारोबारियों को बांटी जा चुकी 7 करोड़ की धनराशिः पर्यटन विभाग की ओर से अब तक करीब 17 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है. यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराई जा रही है. मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सरकार ने यह निर्णय लिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पर्यटन विभाग समेत अन्य व्यापारियों को हुए नुकसान के एवज में 200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाएगा. जिसके तहत अभी तक करीब साढे़ 17 हजार लोगों को सहायता राशि दी जा चुकी है. वहीं, पिछले साल करीब 35 हजार लोगों को सहायता राशि दी गई थी. साथ ही दिलीप जावलकर ने बताया कि पिछले साल 3 महीने के लिए यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन इस बार 6 महीने के लिए यह योजना है.

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तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन हुआ स्थगितः मुख्यमंत्री धामी ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति की ओर से चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया.

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, प्रदेश के लोगों को पंजीकरण की कोई जरूरत नहीं है.

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