देहरादूनः पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्शन एंड रिसर्च सोसाइटी के अध्यक्ष मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा पुलिस कार्यालय में देहरादून पुलिस के 12 पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ठ कार्य के लिए सम्मानित किया. ड्यूटी के दौरान उनके किये गए उल्लेखन कार्य के लिए शॉल, सम्मान पत्र और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कदम उठाते हुए एक-एक पौधा देकर सम्मानित किया गया. वहीं इस मौके पर विधायक गणेश जोशी ने दूसरे विभागों पर पीड़ितों से रिश्वत लेने का गंभीर आरोप भी लगा दिया.
इन सभी पुलिसकर्मियों ने पिछले दिनों जान पर खेलकर कई लोगों को मौत के मुंह से बचाया था. इसी के चलते उन्हें पुरस्कृत किया गया.
जानकारी के अनुसार थाना रायपुर में 2 जून को नेहरू ग्राम में स्थित टेंट हाउस में लगी आग से अपनी जान की परवाह किए बिना चार व्यक्तियों का जीवन बचाने वाले दो पुलिसकर्मी केशव पवार और सुरेंद्र खंतवाल, थाना रायपुर में 6 जुलाई को दशमेश विहार में मकान में लगी आग से 6 व्यक्तियों का जीवन बचाने में साहस और निर्भीकता से कार्य करने वाले दो पुलिसकर्मियों फैजान अली और राजेश कुमार साथ ही थाना रायपुर क्षेत्र में 18 अगस्त को मालदेवता क्षेत्र में सॉन्ग नदी के तेज बहाव में बह रही जीप में से चार व्यक्तियों को रेस्क्यू करने वाले उपनिरीक्षक मनोज सिंह रावत, कांस्टेबल राकेश डिमरी, कांस्टेबल मनमोहन नेगी, पंकज कुमार और रंजीत राणा को सम्मानित किया गया.
वहीं 25 अगस्त को नेहरू ग्राम क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के साथ मारपीट किए जाने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे चीताकर्मी राजेश कुमार ने इस वारदात के दौरान खुखरी का वार झेल कर महिला को बचाया गया.
इसी तरह थाना कोतवाली क्षेत्र में 5 जुलाई को दो संप्रदायों के मध्य रैली निकालते समय तनाव की स्थिति उत्पन्न होने पर दोनों पक्षों को अलग-अलग करते हुए प्रदीप कुमार और कॉन्स्टेबल पंकज को सम्मानित किया गया.
यह भी पढ़ेंः Teachers day 2019: इन शिक्षकों के कार्यों ने लोगों को सोच बदलने पर कर दिया मजबूर
मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बताया कि पुलिस वाले जितना भी अच्छा काम करे लेकिन उसे वह सम्मान नहीं मिलता है जिसका वह हकदार है. पिछले महीने देहरादून पुलिस के कुछ कर्मियों ने अच्छा काम किया है इसलिए इन लोगों को अपनी संस्था के माध्यम से सम्मानित किया गया.
इससे पुलिसकर्मियों में काम करने का जज्बा जागेगा. वहीं दूसरी ओर विधायक जोशी ने पुलिस पर भ्रष्टाचार का बचाव करते हुए कहा कि सीओ या फिर कोतवाल द्वारा फोन करने पर पीड़ित का काम पुलिसकर्मी कर देते हैं, लेकिन दूसरे विभाग में कर्मचारी विधायक को न बताने पर पीड़ित से कुछ रिश्वत ले लेता है.