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आज से 12 जिलों की ग्राम पंचायतें प्रशासकों के हवाले, सितंबर में हो सकते हैं चुनाव - देहरादून न्यूज

इस बार प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. प्रदेश के 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं. इसे देखते हुए ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है.

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Published : Jul 15, 2019, 5:41 PM IST

देहरादूनः प्रदेश के 12 जिलों के ग्राम पंचायतें आज से प्रशासक के हवाले हैं. हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी जिलों के त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल समाप्त हो गए हैं. जिसके बाद प्रदेश के 7491 ग्राम पंचायतों पर सभी प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है. इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को बतौर प्रशासक नियुक्त किया गया है.

उत्तराखंड के 12 जिलों की ग्राम पंचायतें प्रशासकों के हवाले.

इस बार प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. प्रदेश के 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं. इन सभी पदों के लिए चुनाव होना है.

वहीं, पंचायत राज महकमा प्रदेश के 12 जिलों में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां करीब पूरा कर चुका है. बीते दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण का काम पूरा कर लिया था. साथ ही राज्य सरकार को आरक्षण तय करने के लिए पत्र भी भेजा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही राज्य सरकार आरक्षण की सूची भी भेज देगी. जिसके बाद निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के कार्यक्रमों की लिस्ट जारी करेगा.

ये भी पढ़ेंः सीएम त्रिवेंद्र ने इस खास अंदाज में दी निशंक को जन्मदिन की बधाई

उधर, प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना बीते 9 जुलाई को ही जारी हो गई थी. क्षेत्र और जिला पंचायतों का कार्यकाल भी आगामी अगस्त महीने में समाप्त हो रहा है. जल्द ही क्षेत्र और जिला पंचायतों में भी प्रशासकों की तैनाती कर दी जाएगी. प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती हो चुकी है.

प्रदेश में प्रशासकों की तैनाती की मुख्य वजह राज्य गठन के बाद से अभी तक त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं होना है. हालांकि मौजूदा समय में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है.

देहरादूनः प्रदेश के 12 जिलों के ग्राम पंचायतें आज से प्रशासक के हवाले हैं. हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी जिलों के त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल समाप्त हो गए हैं. जिसके बाद प्रदेश के 7491 ग्राम पंचायतों पर सभी प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है. इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को बतौर प्रशासक नियुक्त किया गया है.

उत्तराखंड के 12 जिलों की ग्राम पंचायतें प्रशासकों के हवाले.

इस बार प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. प्रदेश के 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं. इन सभी पदों के लिए चुनाव होना है.

वहीं, पंचायत राज महकमा प्रदेश के 12 जिलों में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां करीब पूरा कर चुका है. बीते दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण का काम पूरा कर लिया था. साथ ही राज्य सरकार को आरक्षण तय करने के लिए पत्र भी भेजा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही राज्य सरकार आरक्षण की सूची भी भेज देगी. जिसके बाद निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के कार्यक्रमों की लिस्ट जारी करेगा.

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उधर, प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना बीते 9 जुलाई को ही जारी हो गई थी. क्षेत्र और जिला पंचायतों का कार्यकाल भी आगामी अगस्त महीने में समाप्त हो रहा है. जल्द ही क्षेत्र और जिला पंचायतों में भी प्रशासकों की तैनाती कर दी जाएगी. प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती हो चुकी है.

प्रदेश में प्रशासकों की तैनाती की मुख्य वजह राज्य गठन के बाद से अभी तक त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं होना है. हालांकि मौजूदा समय में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है.

Intro:प्रदेश के हरिद्वार जिलें को छोड़ बाकी 12 जिलों में सोमवार को त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल समाप्त हो गए है। जिसके बाद प्रदेश के 5491 ग्राम पंचायतों पर आज से ही सभी प्रशासकों की नियुक्ति की कर दी गयी है। इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को बतौर प्रशासक नियुक्त किया गया है। हालांकि प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना 9 जुलाई को ही जारी हो गयी थी। इसके साथ ही क्षेत्र और जिला पंचायतों का कार्यकाल भी अगस्त माह में समाप्त हो रहा है। और जल्द ही क्षेत्र और जिला पंचायतों में भी प्रशासकों को तैनात कर दिया जाएगा।


Body:प्रदेश के 12 जिलों में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारिया, पंचायत राज महकमा लगभग पूरा कर चुका है। इसी क्रम में बीते दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण का काम पूरा कर फाइनल कर दिया था। इसके साथ ही राज्य सरकार को आरक्षण तय करने का पत्र भी भेजा है। और उम्मीद है जल्द ही राज्य सरकार आरक्षण की सूची भी भेज देगी, जिसके बाद निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के कार्यक्रमो की लिस्ट जारी कर देगी।

प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती पहली बार नहीं हुई है इससे पहले भी प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर प्रशासकों की तैनाती हो चुकी है। प्रदेश में प्रशासकों की तैनाती की मुख्य वजह यह है कि राज्य गठन के बाद से अभी तक त्रिस्तरीय पंचायतो के चुनाव समय पर नहीं हुए हैं लिहाजा मौजूदा समय में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है लेकिन अभी भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।

प्रदेश के 12 जिले में पंचायतों के चुनाव सितंबर महीने में कराए जा सकते है। प्रदेश के 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने है और इन सभी पदों के लिए चुनाव किया जायेगा। 


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