ऋषिकेशः प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाज निसंदेह चिंता की बात है. लेकिन अच्छी बात ये है कि रोजाना रिकवरी रेट भी लगातार बढ़ रहा है. एम्स में अब तक 1400 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हो चुके हैं. जिसमें से 1,110 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. वहीं, अगर कोरोना की वजह से मौत का प्रतिशत देखा जाए तो एम्स में 3.5 प्रतिशत मौत अभी तक कोरोना वायरस के कारण हुई है.
उत्तराखंड में अभी 44,404 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं. लेकिन इस पूरे मामले में ऋषिकेश एम्स कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ है. एम्स के हॉस्पिटल अफेयर्स डीन प्रोफेसर डॉक्टर यूबी मिश्रा का कहना है कि जब से कोरोना का कहर शुरू हुआ है, तबसे अभी तक एम्स में 26,000 लोगों को ओपीडी में देखा जा चुका है.
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वहीं, आईओईडी में 6,400 लोगों को देखा जा चुका है. इसके अलावा कोविड आईपीडी में 6500 लोग भर्ती हुए थे, जिसमें से 6100 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. एम्स ऋषिकेश में 1400 कोविड पॉजिटिव पेशेंट अभी तक एम्स में भर्ती हुए हैं. जिसमें से 1110 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट चुके हैं. जबकि एम्स में 230 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि अगर मौतों के प्रतिशत की बात करें तो एम्स में अभी तक 3.5 प्रतिशत मौत हुई है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एम्स ऋषिकेश में कोविड पॉजिटिव 160 मरीज भर्ती हैं और वेंटिलेटर पर 45 कोविड पेशेंट हैं.
प्रोफेसर डॉक्टर यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में मौतों का आंकड़ा इतना इसलिए हुआ है, क्योंकि जो भी मरीज एम्स ऋषिकेश में लाए जाते हैं वह बेहद ही गंभीर अवस्था में होते हैं. खास तौर पर कई मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एम्स में तैनात चिकित्सक बड़ी ईमानदारी और मेहनत से अपने कार्यों को अंजाम देते हुए मरीजों की जान बचा रहे हैं.