देहरादूनः प्रदेश में मॉनसून लगातार जारी है. लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, जिससे मार्ग बंद हो रहे हैं. वहीं गुरुवार 5 अगस्त शाम 5 बजे तक प्रदेश के 105 छोटे-बड़े मार्ग बंद हैं. हालांकि, इन मार्गों को खोलने की कार्रवाई लगातार जारी है.
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम देहरादून से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बड़े राजमार्ग और छोटे ग्रामीण मार्गों को मिलाकर कुल 105 सड़कें बंद है. इन मार्गों को खोलने की कार्रवाई जारी है.
ये मार्ग हैं बंदः उत्तरकाशी में लमगांव-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग साडा के पास 18 जुलाई को बादल फटने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ था. जहां पर पुल निर्माण का काम जारी है. इसके अलावा उत्तरकाशी में 9 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं. देहरादून में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए बंद हैं, खोलने की कार्रवाई की जा रही है. चमोली में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग NH-58 चमधार के पास मलबा आने से बंद है. इसके अलावा चमोली में 32 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध है, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.
ये मार्ग हैं बंदः रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-107 खुला है. लेकिन जिले के अन्य 11 ग्रमीण मार्ग यातायात के लिए बंद हैं. पौड़ी में पौड़ी-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-58 चमधार के पास मलबा आने से बंद है. इसके अलावा जिले में 3 मुख्य जिला मार्ग और 21 ग्रामीण सड़कें भी अलग-अलग जगहों पर बंद है, हालांकि इन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है. टिहरी में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध है, खोलने की कार्रवाई जारी है. इसके अलावा टिहरी बांध भी अपने अधिकतम जलस्तर 830 मीटर से नीचे 802.00 मीटर पर है. बागेश्वर में 6 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए बंद है.
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ये मार्ग हैं बंदः नैनीताल में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध है, खोलने की कार्रवाई जारी है. अल्मोड़ा में कोई भी ग्रामीण मोटर मार्ग बंद नहीं है. लेकिन जनपद में बारिश लगातार हो रही है. उधमसिंह नगर के अंतर्गत कोई भी ग्रामीण मोटर मार्ग बंद नहीं है. लेकिन जिले में बारिश जारी है. चंपावत में टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग NH-9 घाट चौकी के पास भूस्खलन होने से बंद है, मार्ग को खोलने की कार्रवाई चल रही है. इसके अलावा 4 अन्य ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध है. वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 292.30 मीटर पर है, जबकि खतरे का स्तर 294.00 मीटर है.