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11 किलो से अधिक टाइगर की हड्डियों के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार, ले जा रहे थे नेपाल - वन विभाग चोरगलिया क्षेत्र

वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया है. तस्करों के पास से 11 किलो 600 ग्राम हड्डियों बरामद की गई है. आरोपियो से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी टाइगर की हड्डियों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से लेकर आये थे.

तस्कर गिरफ्तार.
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Published : Feb 21, 2019, 12:47 AM IST

चंपावत: वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया है. तस्करों के पास से 11 किलो 600 ग्राम हड्डियों बरामद की गई है. बताया जा रहा है कि इन हड्डियों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से वन्य जीव तस्कर नेपाल बेचने ले जा रहे थे.

दरअसल, चंपावत जिले के बनबसा में पुलिस ने बीती रात एक व्यक्ति को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया था. जिसको बनबसा पुलिस ने रात को ही वन विभाग खटीमा को सौंप दिया. वन विभाग खटीमा की टीम ने आरोपी वन्य जीव तस्कर सितारगंज निवासी रईस अहमद सलमानी से पूछताछ की.

जानकारी देते अधिकारी

आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर वन विभाग ने आरोपी के दो अन्य साथियों को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गये तीनों आरोपियो से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी टाइगर की हड्डियों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से लेकर आये थे.

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या टाइगर की मौत जहर से हुई मालूम होती है. लेकिन फिर भी पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जायेगी. वन विभाग द्वारा पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ खटीमा वन रेंज में वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. एसओ बनबसा का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी वन्य जीव तस्कर टाइगर की हड्डियों को नेपाल जाकर बेचने वाले थे.

चंपावत: वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया है. तस्करों के पास से 11 किलो 600 ग्राम हड्डियों बरामद की गई है. बताया जा रहा है कि इन हड्डियों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से वन्य जीव तस्कर नेपाल बेचने ले जा रहे थे.

दरअसल, चंपावत जिले के बनबसा में पुलिस ने बीती रात एक व्यक्ति को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया था. जिसको बनबसा पुलिस ने रात को ही वन विभाग खटीमा को सौंप दिया. वन विभाग खटीमा की टीम ने आरोपी वन्य जीव तस्कर सितारगंज निवासी रईस अहमद सलमानी से पूछताछ की.

जानकारी देते अधिकारी

आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर वन विभाग ने आरोपी के दो अन्य साथियों को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गये तीनों आरोपियो से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी टाइगर की हड्डियों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से लेकर आये थे.

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या टाइगर की मौत जहर से हुई मालूम होती है. लेकिन फिर भी पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जायेगी. वन विभाग द्वारा पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ खटीमा वन रेंज में वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. एसओ बनबसा का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी वन्य जीव तस्कर टाइगर की हड्डियों को नेपाल जाकर बेचने वाले थे.

Intro:एंकर- पुलिस व वन विभाग को वन्य जीव तस्करी के मामले में बड़ी सफलता लगी हाथ। वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने ग्यारह किलो छ सौ ग्राम टाइगर की हड्डियों के तीन वन्य जीव तस्करो को किया गिरफ्तार। चोरगलिया क्षेत्र की नंधौर वन रेंज से आरोपी वन्य जीव तस्कर लायी टाइगर की हड्डियों को नेपाल ले जा रहे थे बेचने.....






Body:वीओ- चम्पावत जिले के बनबसा में पुलिस द्वारा बीती रात एक व्यक्ति को मुखबिर की सूचना पर टाइगर की ग्यारह किलो छ सौ ग्राम हड्डियों के साथ गिरफ्तार किया था। जिसको बनबसा पुलिस ने रात को ही वन विभाग खटीमा को सौप दिया गया। वन विभाग खटीमा की टीम ने पुलिस द्वारा सौपे गए आरोपी वन्य जीव तस्कर सितारगंज निवासी रईस अहमद स्लमानीसे पूछताछ की जिसके आधार पर वन विभाग ने आरोपी के दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये तीनो आरोपियो से पूछताछ करने पर वन विभाग खटीमा की टीम को ज्ञात हुआ कि पकड़े गये आरोपी वन्य जीव तस्कर ने टाइगर के अवशेषों को चोरगलिया क्षेत्र के नंधौर वन रेंज से प्राप्त किया था।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या टाईगर की मौत जहर से हुई मालूम होती है। वह विभाग द्वारा इस पूरे प्रकरण की विस्तृत रूप से जांच की जायेंगी। वन विभाग पकड़े गये आरोपी वन्य जीव तस्करो के खिलाफ खटीमा वन रेंज में वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज रहा है।

बाइट- बाबू लाल एसडीओ वन विभाग खटीमा

वही एसओ बनबसा का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी वन्य जीव तस्कर टाइगर की हड्डियों को नेपाल जाकर बेचने की फिराक में था। जिसे मुखबिर सूचना पर बनबसा के गडिकोट क्षेत्र से पकड़ा गया था।

बाइट-जसवीर सिंह एसओ बनबसा


Conclusion:फाइनल वीओ - उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र के वन जैव बाहुल्य है। जिस कारण वन्य जीव तस्कर यहां की तरफ अपना रुख करते है क्योंकि यह वन्य जीवो का शिकार कर नेपाल भाग जाते है। जहाँ वह आसानी से पुलिस और वन विभाग से बच जाते है साथ ही वन्य जीव अंग भी बेचना आसान हो जाता है। इस बार पुलिस और वन विभाग की सतकर्ता के चलते वन्य जीव तस्कर अपने मंसूबे में सफल नही हो पाये। लेकिन हर बार वन्य जीव तस्करो को रोकने के लिये वन विभाग द्वारा एक रणनीति की आवस्यकता है।
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