चंपावत: लोहाघाट में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बन चुकी हजरत कालू सैयद बाबा की मजार में चादरपोशी के जुलूस के साथ उर्स शुरू हो गया है. उर्स में खटीमा, पीलीभीत, हल्द्वानी, टनकपुर धारचूला, पिथौरागढ़ और बरेली से जायरीन पहुंचने लगे हैं. कौमी एकता की मिसाल उर्स में खटीमा से आये कव्वालों ने एक से बढ़कर एक कव्वाली प्रस्तुत की.
बता दें, लोहाघाट के मीना बाजार में स्थित कालू सैयद बाबा की मजार मुस्लिम तथा हिंदू धर्म के लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां हर साल होने वाले उर्स में दोनों ही धर्मों के लोग भाग लेते हैं.
पढ़ें- केदारनाथ आपदाः इस नेता ने पानी की टंकी पर उतार दिया था हेलिकॉप्टर, चारों ओर थीं लाशें ही लाशें
आज जहां समाज में जाति धर्म के आधार पर लोग बैठे हुए हैं, वहीं कालू सैयद बाबा की मजार कौमी एकता की मिसाल कायम किए हुए है और गंगा जमुनी तहजीब को जिंदा किए हुए है.