चंपावत: फंड/नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी में घोटाले के सरगना को चंपावत पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. वहीं आरोपी के खिलाफ उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के लगभग 30-40 मुकदमे होने की सम्भावना जताई जा रही है. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है.
आईजी कुमाऊं अजय रौतेला के निर्देश पर पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा एवं चम्पावत में नॉन बैंकिग फाइनेंस कंपनी से सम्बन्धित मामलों की जांच में तेजी लाने के निरीक्षक/उपनिरीक्षकों की दो टीमों का गठन किया गया. जिसमें दोनों टीमों का पर्यवेक्षण अधिकारी एसपी चंपावत लोकेश्वर सिंह को बनाया गया. तीन दिसंबर 2020 को एसपी ने चारों जिलों में पंजीकृत नॉन बैंकिग फाइनेंस से सम्बन्धित अभियोंगों में विवेचना में तेजी लाये जाने के लिए दो टीमों को वांछित अभियुक्तों के विरूद्ध ठोस साक्ष्य एकत्र कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद से पुलिस टीम मुखबिर तंत्र को मजबूत कर आरोपियों पर पैनी नजर बनाए हुए थी.
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इसी कड़ी में पुलिस ने घोटाले के मुख्य सरगना प्रदीप कुमार अस्थाना (56) पुत्र कैलाश नाथ को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि प्रदीप कुमार अस्थाना, निवासी नई गंज, सदर कोतवाली जौनपुर, उत्तर प्रदेश हाल निवासी- शाही सदन, बी-17, सेक्टर जे, थाना अलीगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश का लखनऊ का रहने वाला है. वहीं एसआई दीवान सिंह जलाल थानाध्यक्ष रीठासाहिब व एसआई तेज कुमार, थाना टनकपुर के नेतृत्व में टीम का गठन कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया. दोनों पुलिस टीमों ने आरोपी प्रदीप कुमार को थाना विभूति खंड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश से शनिवार 27 फरवरी को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल पुलिस मामले की गहनता से पड़ताल कर रही है.